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आरसीपी सिंह का जन सुराज में शामिल होना: बिहार की राजनीति में नया मोड़

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आरसीपी सिंह का जन सुराज में प्रवेश

आरसीपी सिंह, जो जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, ने आज प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में शामिल होने की घोषणा की। उन्होंने लगभग सात महीने पहले अपनी पार्टी 'आप सबकी आवाज' की स्थापना की थी, जिसे अब जन सुराज में विलय कर दिया गया है। आरसीपी सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी हैं और नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उनके और नीतीश कुमार के बीच मतभेद के बाद, उन्होंने बीजेपी का समर्थन किया।


आरसीपी सिंह की पृष्ठभूमि

आरसीपी सिंह का पूरा नाम रामचंद्र प्रसाद सिंह है, और वे ओबीसी कुर्मी जाति से संबंधित हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में प्राप्त की, फिर पटना साइंस कॉलेज से 12वीं कक्षा पास की और 1979 में पटना कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने 1982 में दिल्ली के जेएनयू से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री प्राप्त की।


नीतीश कुमार के लिए चुनौती

आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर की जोड़ी नीतीश कुमार के नेतृत्व के लिए एक सीधी चुनौती बन सकती है। दोनों नेताओं ने नीतीश कुमार के लिए कई वर्षों तक काम किया है और उनकी रणनीतियों को भली-भांति समझते हैं। आज, आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार में आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों का खुलासा किया। यह जदयू के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है।


आरसीपी का जन सुराज में योगदान

आरसीपी सिंह का प्रशांत किशोर की पार्टी में शामिल होना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जिसका बिहार की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। दोनों नेता अनुभवी और कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं। प्रशांत किशोर की पार्टी में अब तक कोई ऐसा बड़ा नेता नहीं था, जिसके पास मंत्रालय और संगठन का लंबा अनुभव हो। आरसीपी के आने से यह कमी पूरी हो गई है।


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