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ज्योतिष में सूर्य का महत्व: जानें कैसे प्रभावित करता है आपकी कुंडली को

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सूर्य का ज्योतिष में स्थान


ज्योतिष में सूर्य का महत्व: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। यह वैदिक ज्योतिष में एक प्रमुख ग्रह है और जन्म कुंडली के विश्लेषण में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। हिन्दू धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है।


सूर्य और पंचांग की गणना

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य को तारे का जनक माना जाता है। जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करता है, तो यह धार्मिक कार्यों के लिए शुभ समय होता है। सूर्य की चाल के आधार पर हिन्दू पंचांग की गणना की जाती है। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता है, तो इसे एक सौर माह कहा जाता है। राशिचक्र में 12 राशियां होती हैं, और सूर्य को एक वर्ष में सभी राशियों का चक्र पूरा करने में समय लगता है।


सूर्य का कुंडली में प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में सूर्य पिता का प्रतिनिधित्व करता है। महिलाओं की कुंडली में, यह उनके पति के जीवन को दर्शाता है। यह सेवा क्षेत्र में उच्च पद और समाज में मान-सम्मान को भी दर्शाता है। यदि सूर्य की महादशा चल रही हो, तो रविवार के दिन जातकों को अच्छे फल मिलते हैं।


सूर्य के विभिन्न भावों में प्रभाव

1. प्रथम भाव में सूर्य: यह आपके स्पष्ट और उदार स्वभाव को दर्शाता है। आपके छोटे भाई-बहन भाग्यशाली होंगे।


2. द्वितीय भाव में सूर्य: यह धन और संपत्ति का संकेत देता है।


3. तृतीय भाव में सूर्य: यह आपको पराक्रमी बनाता है और आपके भीतर आकर्षण लाता है।


4. चतुर्थ भाव में सूर्य: यह आर्थिक समृद्धि का संकेत देता है।


5. पंचम भाव में सूर्य: यह बुद्धि और सदाचार का ज्ञान देता है।


6. छठे भाव में सूर्य: यह आपको पराक्रमी बनाता है और शत्रुओं पर विजय दिलाता है।


7. सप्तम भाव में सूर्य: यह विवाह में मतभेद पैदा कर सकता है।


8. अष्टम भाव में सूर्य: यह आर्थिक पक्ष को मजबूत करता है।


9. नवम भाव में सूर्य: यह भाग्य और लंबी यात्राओं का संकेत देता है।


10. दशम भाव में सूर्य: यह करियर में सफलता दिलाता है।


11. एकादश भाव में सूर्य: यह धन और मित्रों के माध्यम से लाभ दिलाता है।


12. द्वादश भाव में सूर्य: यह व्यय का संकेत देता है।


सूर्य के मंत्र

वैदिक मंत्र: ॐ A. वह जो कृष्ण के राजाओं के साथ मौजूद है, अमृत और नश्वर का निवेश कर रहा है।


तांत्रिक मंत्र: ओम गरिनी सूर्य नामाह


बीज मंत्र: ओम हरम हरीम हरीम साह सुरया नामाह


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