इंटरनेट डेस्क। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा था और भारत की सैन्य सफलता को कमतर आंकने और पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया। साथ ही पूछा है कि क्या राहुल गांधी का अगला टारगेट निशान-ए-पाकिस्तान है? मालवीय के इस बयान के बाद सियासत गरमा गई है।
इस मामले में अब कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने कहा कि अमित मालवीय औकात में रहें। मुखबिरी की आदत इनकी ही है, देश मे सिर्फ एक व्यक्ति को निशान-ए-पाकिस्तान मिला है, वो हैं मोरारजी देसाई। 1990 में तब बीजेपी के समर्थन से वीपी सिंह की सरकार थी, क्या बीजेपी ने इसका विरोध किया? मोरारजी देसाई ने मुखबिरी करके भारतीय एजेंसियों की जानकारी जियाउल हक को दी थी।
पूछ लिया सवाल
खेड़ा ने कहा आडवाणी जिन्ना की मजार पर जाकर उसे सेक्युलर कह आए, हो सकता है उन्हें भी निशान ए पाकिस्तान मिल जाए, मोदी बिना बुलाए पाकिस्तान गए, उन्हें भी निशान ए पाकिस्तान मिल सकता है। हमें अपने डीजीएमओ पर भरोसा है, सेना ने जो कहा वह सब स्वीकार्य है, हमें अपने राजनीतिक नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। पवन खेड़ा ने पूछा क्यों पीएम मोदी और जयशंकर ने चुप्पी साध रखी है? पहलगाम के 5 आतंकी थे, वो कहां हैं, क्या ये सवाल हम नहीं पूछेंगे? उन्होंने कहा कि भारत के टैक्सपेयर के पैसे से तनख्वाह लेने वाला विदेश मंत्री यह कह रहा है कि हमने हमले से पहले पाकिस्तान को बता दिया था, ये क्या कह रहे हैं, पाकिस्तान को बता दिया? लेकिन पूंछकर लोगों को क्यों नहीं बताया, इतने लोगों की जान शेलिंग में चली गई, जब देश संकट में होता है तो पक्ष-विपक्ष नहीं होता, लेकिन जब हम सरकार के साथ खड़े थे तब भी वो राजनीति कर रहे थे।
pc- amar ujala
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