इंटरनेट डेस्क। पोप फ्रांसिस के निधन की खबर आने के बाद से दुनिया के कई देशों में मातम सा माहौल है। 88 वर्ष की उम्र में पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी में अपने अंतिम सांसें ली। हालांकि उन्होंने अपनी जिंदगी में कई पड़ाव देखे जिसके बारे में शायद लोगों को पता तक नहीं होगा। वेटिकन के सिंहासन तक पहुंचने वाले पोप हमेशा से ऐसी जिंदगी नहीं जीते रहे हैं। उन्हें अपने शुरूआती दिनों में काफी संघर्ष करना पड़ा था। तो आइए जानते हैं कैसे पोप फ्रांसिस के पोप बनने की शुरूआत केसे हुई...
नाइट क्लबों में बाउंसर के तौर पर किय़ा कामएक समय में जीवनयापन के लिए जब वह नाइट क्लबों में बाउंसर के तौर पर काम किय़ा करते थे। यहीं नहीं, बचपन में जब उन्हें एक गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया तो उनके फेफड़े के एक हिस्सा को निकालना पड़ा। हालांकि इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और संघर्ष करते रहे। इस दौराम कई ऐसे लोगों से भी उनकी मुलाकात हुई जो उन्हे इस मेहनत और संघर्ष के कारण इज्जत देने लगे थे। हालांकि उस समय शायद ही किसी को पता होगा कि वो एक दिन इतना बड़ा मुकाम हासिल करेंगे।
चर्च को लेकर ये थी धारणापोप फ्रांसिस के विचारों के लिए भी उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। खासकर चर्च को लेकर उनका मानना था कि ये एक अस्पताल के जैसे काम करना चाहिए। उनका कहना था कि यहां लोगों के कल्याण को लेकर विचार होने चाहिए और चर्च से वापस जाने के बाद लोगों को शांति का अनुभव भी होना चाहिए।
PC : LIveHindustan
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