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साय कैबिनेट की बैठक संपन्न, अनुकम्पा नियुक्ति की कंडिका में किया गया संशोधन, जानें महत्वपूर्ण निर्णय

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई है। कैबिनेट की बैठक सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में हुई। इस बैठक में राज्य के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके अलावा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

1. मंत्रिपरिषद ने तकनीकी कारणों से अनुसूचित जाति की सूची में शामिल होने से वंचित अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति को मिलने वाली कुछ सुविधाओं के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्रिय, संसारी उरांव और पबिया, पविया, पविया समुदाय के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के समकक्ष राजकीय छात्रवृत्ति और वजीफा तथा डोमरा जाति के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति के समकक्ष राजकीय छात्रवृत्ति और वजीफा राज्य कोष से प्रदान करने और छात्रावासों और आश्रमों में स्वीकृत सीटों पर प्रवेश देने की सहमति दी है।

2. मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा विद्युत उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर माफत बिजली योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं के घरों की छतों पर सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (सीएसपीडीसीएल) द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर माफत बिजली योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं के घरों की छतों पर सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ-साथ राज्य द्वारा अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जो सोलर संयंत्र की क्षमता (1 किलोवाट, 2 किलोवाट, 3 किलोवाट और अधिक) के आधार पर अलग-अलग होगी। उदाहरण के लिए, 1 किलोवाट संयंत्र के लिए कुल 45,000 रुपये (30,000 रुपये केंद्रीय और 15,000 रुपये राज्य सहायता) की सहायता प्रदान की जाएगी, जबकि 3 किलोवाट या उससे अधिक के संयंत्र के लिए 1,08,000 रुपये (78,000 रुपये केंद्रीय और 30,000 रुपये राज्य सहायता) की सहायता प्रदान की जाएगी। हाउसिंग सोसाइटियों/आवासीय कल्याण संगठनों के लिए भी इसी तरह की सहायता प्रस्तावित है। अनुदान राशि सीएसपीडीसीएल द्वारा अग्रिम रूप से प्राप्त की जाएगी और लाभार्थियों को वितरित की जाएगी। वर्ष 2025-26 में 60,000 और वर्ष 2026-27 में 70,000 सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य है। इससे वित्तीय वर्ष 2025-26 में 180 करोड़ रुपये और वर्ष 2026-27 में 210 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा।

सीएसपीडीसीएल इस योजना के लिए क्रियान्वयन एजेंसी होगी और भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसका क्रियान्वयन करेगी। कंपनी योजना के प्रशासन के लिए एक अलग बैंक खाता खोलेगी, जिसमें सब्सिडी राशि रखी जाएगी और उसका हिसाब रखा जाएगा। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता उन घरेलू उपभोक्ताओं को प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी, जिनके सौर संयंत्र 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद ग्रिड सिंक्रोनाइज़ हो जाएंगे।

3. मंत्रिपरिषद ने राज्य में वन्य जीव, विशेषकर बाघ संरक्षण और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए "छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी" के गठन का निर्णय लिया है। यह सोसायटी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कार्य करेगी। यह मध्यप्रदेश में वर्ष 1996 से कार्यरत है। इसका मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में बाघों की घटती जनसंख्या (वर्तमान में लगभग 18-20) को बचाना है। यह संस्था स्व-वित्तपोषित होगी, ताकि सरकारी खजाने पर अतिरिक्त भार न पड़े। यह सहयोगी व्यक्तियों और संस्थाओं से धन जुटाएगी।

यह सोसायटी बाघों और अन्य वन्य जीवों के संरक्षण से संबंधित गतिविधियों में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होगी। यह स्थानीय समुदाय की भागीदारी से इको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी, जिससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आय के अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही, यह पर्यावरण शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देगी, जिससे भविष्य के संरक्षणकर्ता तैयार होंगे। इस पहल से संरक्षण के लिए बाह्य वित्तपोषण, विशेषज्ञता और संसाधन प्राप्त होंगे, जिससे स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे और राज्य का पारिस्थितिक संतुलन बना रहेगा।

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