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इन्वेस्ट यूपी रिश्वत प्रकरण में IAS अभिषेक प्रकाश का नाम, 1600 पन्ने की एसआईटी ने दाखिल की चार्जशीट

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एसआईटी ने निकंत जैन के खिलाफ करीब 1600 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया है। जैन पर उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा घटक विनिर्माण कंपनी की इकाई स्थापित करने के लिए एक करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। एसआईटी ने अभी तक किसी और का नाम नहीं लिया है। हालांकि, एसआईटी का कहना है कि बयान में वादी विश्वजीत दत्ता ने निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश का नाम लिया है। इस संबंध में साक्ष्य एकत्र किये जा रहे हैं। जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर अन्य लोगों के नाम भी मामले में जोड़े जाएंगे।


सूत्रों का कहना है कि अदालत में दायर आरोपपत्र से कुछ दस्तावेज गायब हैं। इस पर कोर्ट ने एसआईटी से सभी दस्तावेज पेश करने को कहा है। एसआईटी मंगलवार को अदालत के समक्ष अन्य दस्तावेज पेश करेगी। शिकायतकर्ता ने अपने बयान में निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एसआईटी निकंत और अभिषेक प्रकाश के बीच संबंधों के सबूत जुटा रही है। दोनों के बीच बातचीत के साक्ष्य मिले हैं।

एसआईटी वादी के बयानों का सत्यापन करेगी
सूत्रों के अनुसार, निकांत ने विश्वजीत दत्ता से रिश्वत ली थी। हालाँकि, यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि रिश्वत किसे दी गई। इतना ही नहीं, वादी ने एसआईटी को विस्तृत जानकारी दी है कि निलम्बित आईएएस ने निकान्त के पास भेजने से पहले विश्वजीत दत्ता से क्या-क्या बातें की थीं। एसआईटी वादी के बयानों का सत्यापन करेगी। विश्वजीत दत्ता के बयान के आधार पर एसआईटी कमीशनखोरी मामले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों का ब्योरा जुटा रही है।

बिना कस्टडी रिमांड के दाखिल करनी पड़ी चार्जशीट
इससे पहले एसआईटी ने निकंत को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दायर किया था, जिसे भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह ने खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा कि निकांत जैन को गिरफ्तार कर जेल भेजने की अधिकतम सजा दस साल है।


कानून में कहा गया है कि जिन मामलों में सजा दस साल तक है, यदि आरोपी जेल में है तो पुलिस को अधिकतम साठ दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल करना होगा। ऐसे में पुलिस को 40 दिन के अंदर पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में आवेदन करना चाहिए था, लेकिन जांच अधिकारी एसीपी विनय कुमार द्विवेदी ने आरोपी की गिरफ्तारी के करीब 44 दिन बाद आवेदन दायर किया। इसके कारण निकांत से कस्टोडियल रिमांड पर पूछताछ नहीं हो सकी।

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