गाजियाबाद के नाहल इलाके में दबिश के दौरान बदमाशों की गोली लगने से शहीद हुए कांस्टेबल सौरभ देशवाल की मौत की खबर से उनके घर पर गहरा मातम छा गया है। मौत से कुछ देर पहले ही सौरभ ने अपनी पत्नी आयुषी को फोन कर कहा था कि वे कहीं दबिश पर जा रहे हैं और लौटकर आकर साथ में खाना खाएंगे। लेकिन वह घर लौटे नहीं और कुछ ही समय बाद उनकी मौत की खबर घर पहुंची, जिसने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया।
पत्नी का टूटता हुआ मन, बच्चों की चिंता में बीमारशहीद सौरभ की पत्नी आयुषी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार पूछ रही है कि अब दो छोटे बच्चों के साथ यह पहाड़ जैसी जिंदगी वह अकेले कैसे काटेगी। परिजन भी उसे संभालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके दिल का दर्द देखकर हर कोई स्तब्ध है। आयुषी को लगातार दौरे पड़ रहे हैं, जिससे परिवार वालों की चिंता और बढ़ गई है।
साहसिक कार्य में शहीद हुए सौरभशामली के आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के देव गांव निवासी कांस्टेबल सौरभ देशवाल नोएडा पुलिस में तैनात थे। रविवार की रात गाजियाबाद के नाहल गांव में पुलिस पार्टी के साथ दबिश देने के दौरान बदमाशों से हुई मुठभेड़ में सौरभ को गोली लगी। गंभीर रूप से घायल सौरभ को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
2017 में पुलिस में हुए भर्ती, साहस और दिलेरी के लिए थे जाने जातेसौरभ देशवाल 2017 में यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे। वह अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले थे। उनके पिता उत्तम कुमार और बड़े भाई रजत देशवाल खेती-बाड़ी करते हैं। बचपन से ही पुलिस फोर्स में जाने का सपना देखने वाले सौरभ ने अपनी मेहनत से पुलिस की नौकरी पाई और अपनी बहादुरी के चलते एसओजी टीम में तैनात रहे। लेकिन उसी बहादुरी ने उनकी जान ले ली।
परिवार के सदस्यों से भावुक बातचीतसौरभ के पिता उत्तम कुमार ने बताया कि तीन दिन पहले ही उनकी बेटे से बातचीत हुई थी, जिसमें सौरभ ने गांव आने की बात कही थी। बड़े भाई रजत ने भी कहा कि घटना के कुछ घंटे पहले ही उनकी बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि सौरभ ने शामली के सेंट फ्रांसिस स्कूल से दसवीं तक पढ़ाई की, इसके बाद सिल्वर बेल्ट से 12वीं और सिल्वर मैनेजमेंट से बीकॉम किया। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने 2017 में यूपी पुलिस में भर्ती होकर अपने परिवार का गौरव बढ़ाया।
नोएडा पुलिस का सहयोग और सम्मानसौरभ देशवाल की शहादत को सम्मानित करते हुए नोएडा पुलिस कमिश्नर ने घोषणा की है कि वे अपनी तनख्वाह से एक लाख रुपये उनके परिवार को देंगे। इसके अलावा नोएडा पुलिस फोर्स ने भी सर्वसम्मति से एक दिन का वेतन शहीद के परिजनों को देने का फैसला किया है। यह राशि सरकार की तरफ से मिलने वाली राहत राशि से अलग है और यह परिवार के लिए आर्थिक मदद का एक महत्वपूर्ण सहारा साबित होगी। शहीद कांस्टेबल सौरभ देशवाल की बहादुरी और बलिदान पुलिस बल के लिए मिसाल है, वहीं उनके परिवार के लिए यह अपूरणीय क्षति है। उनकी यादें हमेशा पुलिस परिवार और उनके गांव में जीवित रहेंगी।
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