कर्नाटक के मैसूर जिले के एचडी कोटे तालुक के बुदनूर गांव से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां एक ही परिवार के तीन लोगों ने सामाजिक बदनामी के डर से सामूहिक आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वालों में माता-पिता और उनकी छोटी बेटी शामिल हैं। ये त्रासदी परिवार की बड़ी बेटी के घर से प्रेमी संग भाग जाने के बाद घटी, जिससे पूरा गांव सदमे में है।
झील में कूदकर दी जानपुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान महादेव स्वामी (55), उनकी पत्नी मंजुला (45), और छोटी बेटी हर्षिता के रूप में हुई है। शनिवार सुबह तीनों बाइक पर बुदनूर की झील पहुंचे। उन्होंने बाइक किनारे खड़ी की, चप्पलें उतारीं, और एक सुसाइड नोट लिखकर झील में छलांग लगा दी।
कुछ देर बाद जब स्थानीय लोग झील के पास से गुजरे तो उन्होंने वहां एक लावारिस बाइक देखी और तुरंत एचडी कोटे पुलिस को सूचना दी। पुलिस और दमकल टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर तीनों शवों को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए एचडी कोटे शवगृह भेजा।
बड़ी बेटी नहीं पहुंची अंतिम संस्कार मेंघटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। गांववालों ने आंसुओं के साथ तीनों का अंतिम संस्कार किया। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस बेटी के कारण यह हादसा हुआ, वह अपने परिवार के अंतिम दर्शन तक के लिए नहीं लौटी। बताया जा रहा है कि महादेव स्वामी की बड़ी बेटी एक युवक से प्रेम करती थी, जिससे वह शादी करना चाहती थी। परिवार ने इस रिश्ते को स्वीकार नहीं किया, और इसके चलते बेटी घर छोड़कर प्रेमी के साथ चली गई।
सुसाइड नोट में भावनात्मक संदेश और नाराजगीतीनों मृतकों द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में लिखा गया है कि “हमारी मौत के लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है, हमने यह कदम अपनी मर्जी से उठाया है। हमारी मौत के बाद हमारी बड़ी बेटी को कोई संपत्ति या पैसा न दिया जाए। उसने हमें धोखा दिया है। हमारी जैसी स्थिति किसी और के साथ न हो।” इस भावुक और नाराजगी भरे संदेश ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।
पुलिस जांच में जुटीएचडी कोटे पुलिस ने इस सामूहिक आत्महत्या के मामले में केस दर्ज कर लिया है और हर पहलू की जांच कर रही है। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि मामला घरेलू कलह और सामाजिक बदनामी से जुड़ा हुआ है, लेकिन पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं किसी ने परिवार पर दबाव तो नहीं डाला था।
सामाजिक दबाव बना मौत की वजहयह घटना उस सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर सवाल खड़े करती है जिसमें सम्मान और प्रतिष्ठा की कीमत जान से बड़ी हो जाती है। एक लड़की के अपने प्रेमी के साथ भाग जाने पर माता-पिता और बहन को इतना अपमानित महसूस हुआ कि उन्होंने जीवन समाप्त करने का कठोर निर्णय ले लिया। यह हादसा बताता है कि समाज में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पारिवारिक प्रतिष्ठा के बीच टकराव कई बार त्रासदी में बदल जाता है।
यह खबर सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि उन तमाम घरों के लिए चेतावनी है जहां भावनाएं, रिश्ते और सामाजिक अपेक्षाएं एक-दूसरे से टकरा रही हैं।
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