मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से एक ऐसी दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने देश को एक बार फिर 2012 के 'निर्भया कांड' की भयावह याद दिला दी है। एक आदिवासी महिला के साथ न सिर्फ सामूहिक बलात्कार किया गया, बल्कि उसके साथ इतनी क्रूरता बरती गई कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ने वाले फोरेंसिक विशेषज्ञ भी कांप उठे। घटना में महिला की आंतें तक उसके प्राइवेट पार्ट से बाहर आ गईं और शरीर पर कई गंभीर चोटों के निशान मिले।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोले हैवानियत के राजफोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. सीमा सूटे के अनुसार, यह उनके करियर का सबसे बर्बर मामला है। पोस्टमार्टम में साफ हुआ कि महिला की आंतें करीब 176 सेंटीमीटर यानी पौने छह फीट तक बाहर आ चुकी थीं। उसके प्राइवेट पार्ट पर भारी वस्तु से वार के घाव पाए गए हैं। वहीं, बच्चेदानी और रेक्टम पर भी गंभीर चोटें थीं। डॉक्टरों के मुताबिक, अत्यधिक रक्तस्राव और सदमे की वजह से महिला की मौत हुई।
पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवेदनहीनताघटना पर खंडवा पुलिस ने महज 'गैंगरेप' का मामला बताते हुए क्रूरता के सवालों पर चुप्पी साध ली। एडिशनल एसपी राजेश रघुवंशी ने बताया कि गैंगरेप के दोनों आरोपी — हरी और सुनील — को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच जारी है। लेकिन पत्रकारों द्वारा बार-बार पूछे जाने पर भी पुलिस ने महिला के साथ की गई अमानवीयता को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
घटना का विवरण: शादी से लौटते समय बनी हैवानों का शिकारयह दिल दहला देने वाली घटना शुक्रवार और शनिवार की रात की है। महिला खालवा थाना क्षेत्र के रोशनी चौकी में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल हुई थी। लौटते वक्त वह एक महिला को उसके घर छोड़ने गई और फिर अपने गांव के युवक हरी के घर चली गई। वहीं दूसरा आरोपी सुनील भी पहुंच गया। पुलिस के मुताबिक, तीनों ने वहां शराब पी और इसके बाद नशे में दोनों आरोपियों ने मिलकर महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया।
घटना के बाद जब अगली सुबह हरी की मां ने महिला को गंभीर हालत में देखा, तो तुरंत उसके परिजनों को सूचना दी गई। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। महिला की मौत हो चुकी थी और उसका शव देख सभी स्तब्ध रह गए।
सामाजिक आक्रोश और न्याय की मांगयह जघन्य अपराध सामने आने के बाद स्थानीय स्तर पर लोगों में भारी आक्रोश है। लोग सरकार और प्रशासन से आरोपियों को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि जब तक बलात्कारियों को फांसी जैसी सख्त सजा नहीं दी जाएगी, तब तक ऐसी घटनाएं रुकेंगी नहीं।
निष्कर्षखंडवा की यह घटना केवल एक महिला पर हमला नहीं, बल्कि समाज और मानवता पर हमला है। यह वारदात दिखाती है कि देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। अब सवाल यह है कि क्या पीड़िता को न्याय मिलेगा? क्या दरिंदों को ऐसी सजा मिलेगी, जो बाकी लोगों के लिए चेतावनी बने? देश एक बार फिर इसी सवाल के जवाब का इंतजार कर रहा है।
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