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पाकिस्तानी एक्टर Fawad Khan की फिल्म 'लीजेंड ऑफ मौला जाट' को लेकर MNS का विरोध, रिलीज पर लटकी तलवार

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पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान (Fawad Khan) और माहिरा खान स्टारर फिल्म द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट (The Legend of Maula Jatt) की रिलीज को लेकर द महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने विरोध जताया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने कहा है कि वे देश में इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे।

MNS सिनेमा विंग के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने एएनआई से बातचीत की और कहा कि, 'वे भारत में किसी भी पाकिस्तानी फिल्म या एक्टर को परफॉर्म नहीं करने देंगे' साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अन्य राज्यों के लोगों से भी फिल्म की रिलीज का विरोध करने का आग्रह किया है, खोपकर ने एएनआई से कहा कि, 'यह फिल्म रिलीज नहीं होगी, सिर्फ यह फिल्म ही नहीं, हम भारत में किसी भी पाकिस्तानी फिल्म या एक्टर को रिलीज नहीं करेंगे,अगर ऐसा हुआ तो कड़ा आंदोलन होगा'


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कहा कि कला की कोई राष्ट्रीय सीमा नहीं होती, जो अन्य मामलों में ठीक है, लेकिन पाकिस्तान के मामले में यह बिल्कुल भी काम नहीं करेगा। भारत से नफरत के मुद्दे पर बंटे हुए देश से अभिनेताओं को नाचने-गाने और उनकी फिल्में दिखाने के लिए लाने के लिए किस तरह की कार्रवाई की जा रही है?


'यह तय है कि इस फिल्म को महाराष्ट्र में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा'

सरकारों को इस फिल्म को महाराष्ट्र तो क्या, देश के किसी भी राज्य में रिलीज नहीं होने देना चाहिए। बेशक, उनका सवाल यह है कि बाकी राज्यों को क्या करना चाहिए। यह तय है कि इस फिल्म को महाराष्ट्र में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा,इससे पहले भी जब ऐसी घटनाएं हुई थीं तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा दिया गया झटका सभी को याद होगा, इसलिए, अब थिएटर मालिकों से विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया जाता है कि वे फिल्मों की स्क्रीनिंग की दुविधा में न पड़ें।

'जिस वक्त यह फिल्म रिलीज होगी, उसी वक्त के आसपास नवरात्रि उत्सव शुरू हो जाएगा'

जिस वक्त यह फिल्म रिलीज होगी, उसी वक्त के आसपास नवरात्रि उत्सव शुरू हो जाएगा, मैं नहीं चाहता कि महाराष्ट्र में कोई टकराव हो और ऐसा राज्य के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक की इच्छा नहीं होगी और हम कोई संघर्ष नहीं चाहते इसलिए हमें समय रहते कदम उठाना चाहिए और देखना चाहिए कि यह फिल्म हमारे देश में रिलीज न हो। यह नहीं भूलना चाहिए कि मराठी फिल्मों के लिए थिएटर मुहैया कराने में आनाकानी करने वाले थिएटर मालिक अगर पाकिस्तानी सिनेमा को अपनी धरती पर आने की इजाजत देंगे तो यह उदारता महंगी पड़ेगी।
मैं चाहता हूं कि किसी भी पाकिस्तानी सिनेमा के लिए राज्य में कोई संघर्ष न हो और मुझे यकीन है कि सरकार इस पर उचित ध्यान देगी।'


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