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हिमाचल में मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित, शिमला में पांच मंजिला भवन ढहा, रामपुर में फटा बादल, सात जिलों में बाढ़ का अलर्ट

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शिमला, 30 जून (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून ने तबाही मचा दी है। बीते दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन, भवन गिरने और जलस्तर बढ़ने की घटनाएं सामने आ रही हैं। स्थिति को देखते हुए सात जिलों में फ्लैश फ्लड का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि शेष दस जिलों के लिए मौसम विभाग ने भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है।

राजधानी शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र की माठू कॉलोनी में सोमवार सुबह एक पांच मंजिला इमारत भारी बारिश के चलते भरभरा कर गिर गई। भवन में पहले दरारें आ चुकी थीं, जिसे रविवार रात ही खाली करवा लिया गया था। इससे एक बड़ा हादसा टल गया। साथ ही पास की तीन से चार अन्य मकानों में दरारें आई हैं।

उधर, शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत सरपारा के सिक्ससेरी गांव में रविवार रात बादल फटने की घटना घटी। इसमें राजेंद्र कुमार, विनोद कुमार और गोपाल सिंह के घरों के कमरे, रसोई, कोठार और गौशालाएं मलबे में समा गईं। तीन गायों और दो बछड़ों की मौत हो गई। गनीमत रही कि कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ। यह मलबा समेज खड्ड होते हुए सतलुज नदी में मिल गया।

रामपुर क्षेत्र में भारी बारिश के कारण 34 ट्रांसफार्मर और दो पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं। इसके अलावा जलोग क्षेत्र में एक वाहन दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति लापता है। प्रशासन और पुलिस राहत कार्यों में जुटे हैं।

बारिश से ब्यास और गिरि नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सिरमौर जिले के गिरि जटोन डैम और मंडी के पंडोह डैम से पानी छोड़ा गया है, जिससे निचले क्षेत्रों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

मंडी, कांगड़ा, सिरमौर, कुल्लू के बंजार व मनाली उपमंडल में भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए आज सोमवार को सभी शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है।

राजधानी शिमला में पेयजल संकट गहराने लगा है। शिमला जल प्रबंधन निगम (एसजेपीएनएल) ने बताया कि भारी बारिश के कारण जलशोधन संयंत्रों में अत्यधिक सिल्ट आ गई है, जिससे आगामी कुछ दिनों तक पानी की आपूर्ति बाधित रहेगी।

मौसम विभाग ने लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर शेष सभी 10 जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं अगले 24 घंटों के लिए चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों में फ्लैश फ्लड का येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने आगामी 6 जुलाई तक भारी वर्षा की चेतावनी दी है जबकि 2 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है।

बीते 24 घंटों में मंडी के पंडोह में 123 मिमी, मंडी शहर में 119 मिमी, मुरारी देवी में 113 मिमी, पालमपुर (कांगड़ा) में 83 मिमी और बिलासपुर के घाघस में 65 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश में अब तक 129 सड़कों पर भूस्खलन के कारण यातायात ठप है जबकि 600 से अधिक ट्रांसफार्मर बंद हो चुके हैं। केंद्र द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 20 से 29 जून के बीच बारिश जनित घटनाओं में 39 लोगों की मौत हुई है, 81 घायल हुए हैं और चार लोग अब भी लापता हैं। राज्य को अब तक 75 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें, नदी-नालों के किनारे न जाएं और मौसम विभाग व आपदा प्रबंधन की चेतावनियों का पालन करें।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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