जम्मू, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । साहिब बंदगी के सद्गुरु श्री मधुपरमहंस जी महाराज ने आज सुंगल रोड़, अखनूर, में अपने प्रवचनों में गुरु की महत्ता बताते हुए कहा कि संसार में सात गुरु हैं। पहले गुरु माता-पिता हैं। उन्होंने चलना सिखाया, बोलना सिखाया, सब चीजें सिखाईं। दूसरा-गर्भ की दाई है, जिसने जन्म के समय गर्भ से बाहर निकाला। तीसरा गुरु जो नाम रखता है। उसी नाम से आपकी पहचान है। चौथा गुरु-कुलगुरु है। पाँचवा गुरु, जिसने वैष्णव बनाया। छठा गुरु, जिसे भ्रम तोड़कर एक से जोड़ा। साँतवा गुरु जिसने जहाँ से आत्मा आई, वहाँ तक पहुँचाया। सतगुरु की बड़ी महिमा है। आगे साहिब जी ने कहा कि हिंदू धर्म में सत्य और अहिंसा को बड़ा स्थान है। सत्य बहुत बड़ी चीज है। सत्य आपको हरेक पाप से बचा लेगा। सत्य के बराबर कोई तप ही नहीं है। झूठ के समान कोई पाप नहीं है। झूठ सभी अपराधों को जन्म देता है। केवल किसी धर्म में जन्म लेने से धर्मिष्ठ नहीं होता है। उनके नियमों का पालन करने से होता है। लोग कहते हैं कि हम हिंदू हैं। हम कहते हैं कि हम ही हिंदू हैं। क्योंकि हम सब नियमों का अनुकरण कर रहे हैं।
सद्गुरु क्या करता है। मैं अक्सर यह बात बोलता हूँ। मैंने आपका धर्म नहीं बदला। आपको किसी दूसरी जाति में नहीं ले गया। लोगों का कसूर नहीं है। मैं अक्सर यह कहता हूँ कि दुनिया में दो नास्तिक हैं। एक जो वो परमात्मा को नहीं मानता है। वो भोला है। उसे समझाओ तो समझ जायेगा। दूसरा है महानास्तिक। महानास्तिक वो जो कहता है कि सबको मानता हूँ। क्योंकि उसकी किसी में भी पूरी श्रद्धा नहीं है। साहिब ने आगे कहा कि काल से सब डरते हैं। इसलिए पूजा उसकी करना चाहिए, जिससे काल भी डरता है। अब संतों ने कहा कि हे आत्मा, तेरा देश अलग है। वहाँ चाँद, सूर्य, तारे नहीं हैं। वहाँ तत्व नहीं हैं। वो अमर देश है। वहाँ जाकर परम मोक्ष है। फिर दोबारा इस संसार में नहीं आना है। जेल में भी कैदी को छुट्टी देते हैं। इस तरह स्वर्गादि लोकों हैं। वहाँ कर्मों का फल भोगने जाना है। फिर वापिस आना है। पर उस अमर लोक से वापिस नहीं आना है। इसलिए पलटू साहिब कह रहे हैं कि भक्ति उसकी करो कि आत्मा उस देश में जाए, जहाँ से वापिस संसार में नहीं आना है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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