गुवाहाटी, 19 अप्रैल . वक्फ कानून में संशोधन के विरोध के नाम पर पश्चिम बंगाल में फैली हिंसा और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने गहरी चिंता जताई है. शुक्रवार को गुवाहाटी प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन में असम विहिप इकाई ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की.
विहिप के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति अत्यंत भयावह और चिंताजनक हो चुकी है. मुर्शिदाबाद जिले से शुरू हुई हिंसा धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल चुकी है. परिषद ने आरोप लगाया कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार न सिर्फ इन घटनाओं को रोकने में असफल रही है, बल्कि कई बार हिंसा के दौरान प्रशासन की भूमिका एक मूकदर्शक की रही है.
विहिप ने कहा कि 11 अप्रैल, 2025 को जब केंद्र सरकार द्वारा वक्फ कानून में संशोधन किया गया, तब उसका विरोध करने के बहाने सामान्य हिंदू नागरिकों को हिंसा का शिकार बनाया गया, जिनका इस कानून से कोई लेना-देना नहीं था. परिषद के अनुसार, यह स्पष्ट है कि यह विरोध केवल एक बहाना था और असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू-शून्य बनाना था.
हिंसक घटनाओं में अब तक 200 से अधिक हिंदू घर और दुकानें जला दी गई हैं, कई लोगों को पीटा गया है और तीन हिंदुओं की उनके घरों से निकालकर हत्या कर दी गई. इसके चलते 500 से अधिक हिंदू परिवारों को क्षेत्र छोड़कर पलायन करना पड़ा है.
परिषद ने राज्य सरकार पर मुस्लिम कट्टरपंथियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया और कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ित हिंदुओं की मदद करने की बजाय उन इमामों का समर्थन किया, जिन्होंने हिंसा को उकसाया था. एक इमाम ने यहां तक कहा कि अगर ममता बनर्जी मुसलमानों के साथ नहीं रहीं, तो उन्हें भी सबक सिखाया जाएगा. विहिप ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार शरणार्थियों को सुरक्षा देने के बजाय हिंसक समूहों के हवाले कर रही है.
विश्व हिंदू परिषद ने केंद्र सरकार से अपील की है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए, हिंसा और हत्याओं की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी जाए और राज्य की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्रीय सुरक्षा बलों को दी जाए. इसके साथ ही, परिषद ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकालने और भारत-बांग्लादेश सीमा के शेष 450 किलोमीटर क्षेत्र में शीघ्र बाड़ लगाने की मांग की है. परिषद ने कहा कि अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह संकट और भी गंभीर रूप ले सकता है.
/ देबजानी पतिकर
You may also like
मुस्लिम समुदाय केंद्र से लंबे संघर्ष के लिए तैयार, वक्फ (संशोधन) अधिनियम की वापसी का आग्रह
Trace Cyrus ने Katy Perry पर साधा निशाना, सोशल मीडिया पर किया मजाक
पटना की युवती की शादी के बाद कतर में हुई हैरान करने वाली घटना
भारत में फांसी की प्रक्रिया: जल्लाद की अंतिम बातें और नियम
ईरा खान ने साझा किया यौन शोषण का दर्दनाक अनुभव