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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर गौशालाओं में दिखी आस्था और उल्लास की अनूठी छठा : सीडीओ

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कानपुर, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व इस वर्ष जनपद की गौशालाओं में भी आस्था और उल्लास की अनूठी छटा बिखेर रहा है। शासन के निर्देश पर प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। प्रमुख गौआश्रय स्थलों की विशेष साफ-सफाई कर उन्हें सजाया गया। जन्माष्टमी के मौके पर गोवंश को हरा चारा, गुड़ और चना खिलाकर पूजन-अर्चन किया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे और उन्होंने गौ-सेवा का संदेश दिया। यह जानकारी शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने दी।

मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने बताया कि जनपद के सभी प्रमुख गौआश्रय स्थलों—होरा बांगर, मकसूदाबाद, रोकेपुर, रामपुर भीमसेन, गोपालपुर, पनकी गौशाला, वृहद गौ आश्रय स्थल कमालपुर (खोदन) एवं वृहद गौ संरक्षण केंद्र सरसौल सहित अन्य स्थानों पर गो-पूजन कार्यक्रम धूमधाम से हुआ। ग्रामीणों को भगवान श्रीकृष्ण और गोवंश के प्रेमपूर्ण सम्बंध के बारे में बताया गया तथा उन्हें गोपालन के लिए प्रेरित किया गया।

एसडीएम घाटमपुर अबिचल प्रताप सिंह ने घाटमपुर कस्बे में नगर पालिका द्वारा संचालित कान्हा गौशाला में गोपूजन किया। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर गोपूजन की विशेष महत्ता है। उन्होंने गौशाला की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए बताया कि यहाँ सभी गौवंश स्वस्थ हैं, एक भी बीमार नहीं हैं। हरे चारे और ग्रेन्स के साथ ही स्थानीय कस्बे वासियों के सहयोग से नियमित रूप से हरी सब्जियाँ और फल भी गायों को खिलाए जाते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई स्थानीय परिवार श्रद्धावश अपने बच्चों का जन्मदिन भी इस गौशाला में मनाते हैं, जिससे गौसेवा की परम्परा और मजबूत हो रही है।

कार्यक्रम के दौरान गौशालाओं में भजन-कीर्तन और धार्मिक वातावरण छाया रहा। ग्रामीण महिलाओं ने पारम्परिक वेशभूषा में भाग लेकर पर्व की गरिमा को और बढ़ा दिया। बच्चों और युवाओं ने भी सजावट, दीयों और पुष्पों से गौशालाओं को सजाकर आयोजन में विशेष योगदान दिया।

जिलाधिकारी ने पहले ही अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि पर्व का आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ हो तथा ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। प्रशासन के इन प्रयासों का परिणाम रहा कि गौशालाओं का आयोजन केवल सरकारी औपचारिकता न रहकर सामूहिक उत्सव का रूप ले सका।

ग्रामीणों ने भी इस मौके पर गौवंश की सेवा को अपना कर्तव्य बताते हुए संकल्प लिया कि गोपालन की परम्परा को आगे बढ़ाएंगे। वातावरण में गूंजते भजनों और सजे-धजे आंगनों के बीच जन्माष्टमी का पर्व इस बार जनपद की गौशालाओं में लंबे समय तक याद रहने वाला उत्सव बन गया।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद

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