जींद, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव (सीजेएम) मोनिका ने गुरूवार को सोमनाथ मंदिर के नजदीक नशा मुक्ति केंद्र का औचक निरीक्षण किया। नशा मुक्ति केंद्र में नौ उपचाराधीन व्यक्ति उपस्थित थे। प्राधिकरण सचिव ने केंद्र में रह रहे व्यक्तियों को दी जानी वाली सुविधाओं की जानकारी ली और जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।
प्राधिकरण सचिव ने स्टाफ को निर्देश दिए की व्यक्तियों की देखरेख में कोई कमी नहीं आनी चाहिए तथा उनके स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी लापरवाही नहीं की जाए। प्राधिकरण सचिव ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार नालसा पोर्टल जारी किया गया है और राष्ट्रीय विधिक सहायता हेल्पलाइन नंबर 15100 जारी किया गया है।
इस हेल्पलाइन नंबर पर किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इस मौके पर प्राधिकरण सचिव मोनिका ने नशे की परिभाषा से लेकर उसके प्रकार प्रतिबंधित और चेतावनी युक्त नशा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि भारत में वर्ष 1985 से एनडीपीएस एक्ट अर्थात अपति नारकोटिक्स ड्रग्स एवं साइकोट्रॉपिक सब्सटांस एक्ट लागू किया गया है।
इस अधिनियम के तहत होने वाले अपराध संज्ञेय और अजमानतीय होते हैं। कठोर दंड के प्रावधान इसमें है। नशे को मनुष्य के लिए घातक माना गया है। उन्होंने बताया कि आगामी 12 जुलाई को न्यायिक परिसर जींदए नरवाना व सफीदों में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
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