धमतरी, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . करवा चौथ को लेकर धमतरी में उत्साह का माहौल है. शुक्रवार को मनाए जाने वाले इस व्रत की तैयारियों में महिलाएं पूरी तरह जुट गई हैं. शहर के बाजार में रौनक लौट आई है. मकई चौक के अलावा शहर की अन्य दुकानों पर मिट्टी के करवे, पूजा सामग्री, मिठाइयों और सजावटी सामान की खरीदारी हो रही है.
घड़ी चौक, सिहावा चौक, रामबाग और इतवारी बाजार में पारंपरिक कुंभकार फुटकर दुकान लगाकर करवा चौथ से संबंधित सामग्री बेंच रहे हैं. नीलेश कुंभकार, सावित्री कुंभकार, नेहा कुंभकार और मालती कुंभकार ने बताया कि इस साल करवा चौथ के सेट 300 रुपये से लेकर 400 रुपये तक के मूल्य में उपलब्ध हैं. इस बार करवों की बिक्री पिछले सालों की तुलना में अधिक है. बाजार में झालर, रंगीन लाइटें, फूल-पत्ते, मेंहदी, चूड़ियां, बिंदी, साड़ियां और मिठाइयों की खरीदारी हो रही है. सोने-चांदी के आभूषणों की दुकानों में भी महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है, जबकि कपड़ा, करस्मेटिक और किराना दुकानों में रौनक बनी हुई है. महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर पूजा की तैयारियों में लगी हैं. रात को चांद का दर्शन कर अर्घ्य देने और व्रत खोलने की रस्में निभाई जाएंगी. पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि इस वर्ष करवा चौथ शुक्रवार, 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा. महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देंगी और अपने पति की दीर्घायु, सुख और समृद्धि की कामना करेंगी. उन्होंने बताया कि करवा माता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त में विधिवत पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है.
पौराणिक कथा से जुड़ी परंपरा:
करवा चौथ व्रत के पीछे एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा प्रचलित है. कथा के अनुसार, वीरावती नामक पतिव्रता स्त्री ने करवा चौथ का व्रत रखा था. भूख-प्यास से व्याकुल वीरावती को उसके भाइयों ने छल से झूठे चंद्रमा की रोशनी दिखाकर व्रत तुड़वा दिया, जिसके परिणामस्वरूप उसके पति की मृत्यु हो गई. वीरावती ने तपस्या कर देवी से प्रार्थना की और अगले वर्ष पुनः विधिपूर्वक व्रत कर अपने पति को जीवनदान दिलाया. तब से यह व्रत पतिव्रता नारी के प्रेम और समर्पण का प्रतीक बन गया.
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(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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