अलीपुरद्वार, 10 अप्रैल . जिले के फालाकाटा स्थित मैरारडांगा गोप्पू मेमोरियल हाई स्कूल की हालत इन दिनों बेहद चिंताजनक हो चुकी है. इस स्कूल में अब प्रधानाध्यापक साहब न केवल शैक्षणिक, बल्कि प्रशासनिक व अन्य कार्य भी कर रहे है. वह सुबह स्कूल का ताला खोलते हैं, घंटी बजाते हैं, दस्तावेज़ संभालते हैं और छात्र-शिक्षक उपस्थित का रिकॉर्ड रखने के साथ ही अन्य कार्य भी कर रहे है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फालाकाटा स्थित मैरारडांगा गोप्पू मेमोरियल हाई स्कूल के एक शिक्षक और तीन ग्रुप डी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है. स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या दो हजार दो सौ है. स्कूल के कुल 38 शिक्षकों में से एक गणित शिक्षक की नौकरी चली गई है. स्कूल बड़ा होने की वजह से एक ग्रुप डी कर्मी के साथ स्कूल के प्रधानाध्यापक फिरोज खान को स्कूल का ताला खोलने से लेकर घंटी बजाना पर रहा है. यहां तक की आवश्यक नोटिस देने के लिए एक कक्षा से दूसरे कक्षा तक भागना पड़ रहा है. स्वाभाविक रूप से एक साथ चार सहकर्मियों के नौकरी जाने से स्कूल के प्रधानाध्यापक के साथ शिक्षक भी चिंतित है.
प्रधानाध्यापक फिरोज खान ने बताया कि स्कूल में पहले 38 शिक्षक और चार ग्रुप डी कर्मचारी थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक शिक्षक और तीन ग्रुप डी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है. वे चारों दोनों उन 25 हजार से अधिक कर्मियों में शामिल थे, जिनकी नियुक्ति कथित भ्रष्टाचार के कारण रद्द कर दी गयी है.
अब स्कूल के प्रशासनिक काम, कार्यालय का प्रबंधन, खाता-बही, साफ-सफाई और शारीरिक श्रम से जुड़े कई काम खुद करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मैं बहुत असहाय महसूस कर रहा हूं. समझ नहीं आ रहा करूं क्या ?
उल्लेखनीय है कि हाल ही में शिक्षक नियुक्ति घोटाले के चलते पश्चिम बंगाल में 25 हजार से अधिक शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति रद्द हो गयी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्यभर के स्कूलों की शैक्षणिक व प्रशासनिक व्यवस्था चरमराने लगी है.
/ सचिन कुमार
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