कोलकाता, 06 मई . पुणे में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कर सम्मेलन में विशेषज्ञों ने कर कानूनों को सरल और आम जनता के लिए सुगम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. कार्यक्रम का आयोजन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (एआईएफटीपी) समेत कई कर (टैक्स) संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. एआईएफटीपी के पूर्व अध्यक्ष नारायण जैन ने सम्मेलन के दौरान कहा कि करदाताओं के बेहतर अनुपालन के लिए मौजूदा कानूनों को सरल बनाना आवश्यक है. उन्होंने डॉ. गिरीश आहूजा के साथ आयकर विधेयक 2025 पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता की. इस दौरान बताया गया कि नया विधेयक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की मूल भावना को बनाए रखते हुए अनावश्यक प्रावधानों को हटाकर, धाराओं को फिर से क्रमबद्ध करता है. इससे करदाताओं के लिए समझना आसान होगा. उद्घाटन सत्र में एआईएफटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कर पेशेवरों का स्वागत करते हुए संगठन की उपलब्धियों और कार्यक्षेत्र की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संगठन के 11 हजार से अधिक सदस्य हैं और यह देशभर में कर (टैक्स) शिक्षा और जागरूकता के लिए लगातार काम कर रहा है. सम्मेलन में जीएसटी, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था, भारतीय न्याय संहिता से जुड़े प्रावधानों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और सहकारी क्षेत्र से जुड़े विषयों पर भी चर्चा हुई. तकनीकी सत्रों में वक्ताओं ने इन विषयों पर गहराई से विचार रखे और प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिए. सम्मेलन में देशभर से आए विशेषज्ञों, करते सलाहकारों और अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोगों की सक्रिय भागीदारी रही, जिससे यह कार्यक्रम ज्ञानवर्धक और सफल रहा.
/ ओम पराशर
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