– राज्यपाल की अध्यक्षता में मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह संपन्न
भोपाल, 3 मई . राज्यपाल मंगुभाई पटेल कहा कि मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का नाम शल्य चिकित्सा के जनक महर्षि सुश्रुत के नाम पर रखा जाएगा. राज्यपाल पटेल ने यह बात शनिवार को विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही. विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केन्द्र जबलपुर में आयोजित किया गया.
राज्यपाल पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का दिन विद्यार्थियों के लिए संस्थान में उनकी शिक्षा पूरी हो जाने के बाद जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करने वाला मील का पत्थर होता है. मेडिकल शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जो विद्यार्थियों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाता है. उन्हें समाज के लिए कुछ करने का अवसर प्रदान करता है. चिकित्सकों का कार्य सिर्फ रोगों का इलाज करना नहीं है. उन्हें रोगी के अंदर बीमारी से लड़ने का आत्मविश्वास पैदा करना और जीवन की उम्मीद जगाने का काम भी करना है. उन्होंने छात्र-छात्राओं को भावी जीवन में प्रगति के लिए निरंतर सीखने की इच्छा बनाए रखने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि सीखने से ऊर्जा का निरंतर संचार होता है. व्यक्ति का सामर्थ्य भी विकसित होता है.
राज्यपाल ने संस्थान से आधुनिकतम तकनीकों को अपनाने के लिए सदैव तत्पर रहने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि आधुनिकतम तकनीकों को अपनाने से रोगियों के बेहतर इलाज के साथ चिकित्सकों की कार्य दक्षता में भी बढ़ोत्तरी होती है. उन्होंने कहा कि भारत को विकसित देश बनाने के लिए समाज के वंचित वर्ग को आगे लाने की आवश्यकता है. इसके लिये उनमें आकांक्षाएं जगाने की जरूरत है ताकि वे भी देश के विकास में हिस्सेदार बन सकें.
राज्यपाल पटेल ने कहा कि युवाओं को अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी युवाओं से ज्यादा पानी पीने, व्यायाम करने एवं पूरी नींद लेने की बात कही है. राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सकों को पहले रोगियों के रोग को समझना चाहिए. रोगियों की बातों को सुनना चाहिए. चिकित्सकों द्वारा रोगियों की बातों को अच्छी तरह सुनने से रोगियों का आधा दर्द दूर हो जाता है. उन्होंने कहा कि समाज में चिकित्सकों का स्थान भगवान के समान है. भारत को विकसित देश बनाने में चिकित्सकों की भूमिका अहम है.
समारोह में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहां कि भारत विश्वगुरु के रूप में स्थापित होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. विकसित भारत का फल लोगों को तभी मिलेगा जब वे निरोगी होंगे. लोगों को निरोगी करने के लिए चिकित्सकों की महती आवश्यकता है. प्रदेश को मेडिकल का हब बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने एमबीबीएस की 75 हजार सीटे बढ़ाने का संकल्प लिया है. मध्य प्रदेश में शासकीय और निजी संस्थानों को मिलाकर एमबीबीएस की 5 हजार और स्नातकोत्तर की ढाई हजार सीटे हैं. राज्य सरकार ने इन्हें बढ़ाकर क्रमशः 10 हजार एवं 5 हजार करने का संकल्प लिया है.
उन्होंने कहा कि 230 बेड के जिला चिकित्सालयों को स्नातकोत्तर संस्थानों के रूप में विकसित कर फैकल्टी की आपूर्ति की जा रही है. उप मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी को चुनौती बताते हुए विश्विद्यालय के छात्र छात्राओं को न्यूनतम दो वर्ष तक ग्रामीण क्षेत्रों एवं कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों में विशेषज्ञों के तौर पर सेवा देने की बात कही.
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 350 सर्व सुविधायुक्त कम्युनिटी हेल्थ सेंटर बनकर तैयार हैं. उन्होंने विद्यार्थी से कहा कि यदि वे पीजी के बाद कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों में सेवा देंगे तो चिकित्सकों की कमी को दूर किया जा सकेगा. कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों के पद भरने के बाद ब्लॉक लेवल पर लोगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध होंगी और जिला अस्पताल में भी भीड़ कम होगी. उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड के तहत बारह जिलों में निजी निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है.
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में बेटियों का महत्वपूर्ण योगदान है. देश में बेटी बचाओ-बेटी पढाओं अभियान चल रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप आज दीक्षांत समारोह में बेटियों की संख्या ज्यादा है. उन्होंने समारोह में ज्यादातर बेटियों के टॉपर रहने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सभी विद्यार्थियों जिन्होंने मेडल व प्रशस्ति पत्र प्राप्त किये हैं वे अपना जीवन निष्ठा के साथ मानव सेवा में लगायें और परिश्रम की पराकाष्ठा तक आगे बढ़े.
कार्यक्रम को जबलपुर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने संबोधित करते हुए कहा कि वे पीडि़त मानवता की सेवा करें और प्रगति करें. दीक्षांत समारोह को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वी.एन. गंगाधर ने भी संबोधित किया. स्वागत भाषण कुलगुरू डॉ. अशोक खंडेलवाल ने दिया. इस दौरान दीक्षित सभी प्रतिभागियों को महर्षि चरक के संदेशों की शपथ भी दिलाई गई.
तोमर