नैनीताल, 24 जून (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने जिला ऊधमसिंह नगर के आंनद नगर में सरकारी एवं वन भूमि में वर्षों से रह रहे लोगों के 2025 की वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि अगर याचिकाकर्ता सरकार के निर्णय से संतुष्ट नहीं होते हैं तो वे दोबारा अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रख सकते हैं।
न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार जिला ऊधमसिंह नगर के आंनद नगर निवासी भरत व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वे पिछले 25 वर्षों से लोकसभा, विधानसभा, नगर पंचायत के इलेक्शन में वोटिंग करते आये हैं। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान आवंटित हुए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने एक नए जीओ के तहत आंनद नगर में सरकारी एवं वन भूमि रह रहे लोगों को बिना नोटिस दिए और उनका पक्ष सुने ही उन्हें अतिक्रमणकारी मानते हुए उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जोकि राजनीति से प्रेरित है।
कोर्ट ने कहा कि वोट देने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 239 के तहत दिया गया है। इससे उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता है यदि वह अतिक्रमणकारी हैं तो उन्हें नोटिस दें और कार्यवाही करें।
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(Udaipur Kiran) / लता
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