कोलकाता, 2 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
दक्षिण कोलकाता के कसबा लॉ कॉलेज में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। इस मामले में मुख्य आरोपित और कॉलेज के अस्थायी शिक्षाकर्मी मनोजित मिश्रा को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। अब कॉलेज की गवर्निंग बॉडी ने निर्णय लिया है कि मनोजीत को अपनी नौकरी के दौरान प्राप्त हुई पूरी वेतन राशि कॉलेज को लौटानी होगी।
मनोजीत के साथ-साथ दो छात्रों—प्रमित मुखोपाध्याय और ज़ैब अहमद—को भी कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया है। गवर्निंग बॉडी ने यह भी स्पष्ट किया कि इन दोनों को भविष्य में किसी अन्य कॉलेज में प्रवेश न मिल सके, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
कॉलेज गवर्निंग ने निर्णय लिया है कि अब कॉलेज में दोपहर दो बजे के बाद किसी को भी—चाहे छात्र हो या कर्मचारी—रुकने की अनुमति नहीं होगी। कॉलेज परिसर में प्रवेश केवल वैध पहचान पत्र (आई-कार्ड) दिखाने के बाद ही संभव होगा। सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही निजी एजेंसी को कारण बताओ नोटिस (शो-कॉज़) जारी किया गया है और उसे हटाने का निर्णय भी लिया गया है।
हालांकि कॉलेज में पढ़ाई-लिखाई अस्थायी रूप से बंद है, लेकिन पहले सेमेस्टर की परीक्षा के लिए फॉर्म भरने का काम चल रहा है। कॉलेज कार्यालय फिलहाल खुला रहेगा। पठन-पाठन दोबारा शुरू करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग और पुलिस की अनुमति जरूरी होगी।
गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष और तृणमूल विधायक अशोक देव ने बुधवार को बताया कि घटना बेहद निंदनीय है और इसके खिलाफ और भी कठोर कदम उठाए जाएंगे। कॉलेज प्रशासन पुलिस को जांच में पूरा सहयोग देगा। साथ ही, यह भी प्रयास किया जाएगा कि मनोजीत मिश्रा की बार काउंसिल की सदस्यता रद्द की जाए। यदि पीड़िता का परिवार चाहे, तो उसकी चिकित्सा में कॉलेज सहायता देगा।
भविष्य में ऐसे मामलों से बचाव के लिए कॉलेज में महिला सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूर्ण रोक लगाने के लिए भी चर्चा हुई। कॉलेज परिसर में पहले से कुछ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, लेकिन सुरक्षा एजेंसी की लापरवाही के कारण कई गतिविधियां रिकॉर्ड नहीं हो सकीं। अब पूरे परिसर में सीसीटीवी लगाने के लिए टेंडर जारी किया गया है। इसके अलावा, पहले से निष्क्रिय आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) को सक्रिय करने और नई समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि मनोजित मिश्रा को 2024 में कॉलेज में अस्थायी शिक्षाकर्मी के रूप में नियुक्त किया गया था। उसकी नियुक्ति की अवधि हर 45 दिन में बढ़ाई जाती थी। कॉलेज की उप-प्राचार्या नयना चट्टोपाध्याय ने बताया कि अब कॉलेज सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक ही खुला रहेगा और इसके बाद कोई भी व्यक्ति परिसर में नहीं रह सकेगा।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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