नैनीताल, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारतीय डाक विभाग अब अपनी ‘प्रसादम’ योजना के अंतर्गत बाबा नीब करौरी महाराज के प्रसिद्ध कैंची धाम को भी जोड़ने जा रहा है। इस योजना के तहत श्रद्धालु बेसन के लड्डू, बाबा की प्रतिमा, लॉकेट और बाबा को प्रिय माने जाने वाले कंबल का आर्डर कर सकेंगे, जिन्हें पंजीकृत डाक अथवा पार्सल के माध्यम से देशभर में घर-घर पहुंचाया जाएगा।
डाक विभाग ने इस व्यवस्था के लिए कैंची धाम के समीप पर्यटन विभाग से प्रसाद पैकिंग हेतु एक कक्ष मांगा है। विभाग ने पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्याल को पत्र भेजकर अनुमति मांगी है और कक्ष मिलने के बाद पैकिंग का कार्य प्रारंभ होगा। नैनीताल डाकघर से प्रसाद देहरादून भेजा जाएगा, जहां से इसे हवाई पार्सल के माध्यम से विभिन्न राज्यों तक पहुंचाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कैंची धाम में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। विशेषकर 15 जून को स्थापना दिवस पर यहां विशाल भीड़ उमड़ती है। सामान्य दिनों में भी प्रतिदिन एक से डेढ़ हजार तथा सप्ताहांत पर दो हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में यह योजना उन भक्तों के लिए उपयोगी होगी जो किसी कारणवश धाम तक नहीं पहुंच पाते।
कैंची धाम में प्रसाद की कोई परंपरा नहीं
नैनीताल। गौरतलब है कि कैंची धाम में पारंपरिक रूप से प्रसाद की कोई निश्चित परंपरा नहीं रही है। बाबा नीब करौरी के जीवनकाल में श्रद्धालु अपने घर का भोजन प्रसाद स्वरूप लेकर आते थे और बाबा भी वहां आये सभी लोगों को भोजन कराने पर बल देते थे। इसी परंपरा के चलते आज भी मेले में मालपुए और आलू की सब्जी का प्रसाद वितरित किया जाता है। जबकि बाबा के मंदिरों में मंगलवार, शनिवार आदि विशेष मौकों पर सूखे चने प्रसाद में दिये जाते हैं। मंदिर में फूल सहित कुछ भी चढ़ाने का प्राविधान नहीं है।
हाल के वर्षों में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं ने दुकानों से लड्डू लेकर बाबा की प्रतिमा के समक्ष अर्पित करने और फिर उन्हें प्रसाद मानकर घर ले जाने की परंपरा शुरू की है। इसी तरह सिने अभिनेता शक्ति कपूर द्वारा कंबल चढ़ाने का वीडियो वायरल होने के बाद बाबा को प्रिय माने जाने वाले कंबल चढ़ाने की परंपरा भी बढ़ी है। हालांकि अधिकतर स्थानीय श्रद्धालु अब भी केवल दर्शन को ही प्रसाद और आशीर्वाद मानते हैं। इसके बावजूद अब डाक विभाग की ‘प्रसादम’ योजना के माध्यम से लड्डू, कंबल और लॉकेट को प्रसाद स्वरूप घर-घर भेजने की नई व्यवस्था आस्था और आधुनिक सुविधा का संगम बनकर सामने आ रही है।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
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