जौनपुर, 05 जुलाई (Udaipur Kiran) । अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो) उमेश कुमार की अदालत ने शनिवार को अपनी ही 10 वर्षीय पुत्री से दुष्कर्म करने के आरोपित पिता को दोषसिद्ध पाते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास व 25,000 रूपए अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन कथानक के अनुसार लाइन बाजार थाना क्षेत्र निवासी एक युवक ने मुकदमा पंजीकृत करवाया कि उसके पिता ने 23 अगस्त 2022 के पहले उसकी नाबालिग बहन के साथ कई बार दुष्कर्म किया और बताने पर जान से मारने की धमकी देते थे। उसके पिता पहली पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी किए थे और अपनी बेटियों का यौन शोषण व उत्पीड़न किया करते थे। जिससे बड़ी पुत्री की मृत्यु हो चुकी है, अब छोटी पुत्री के साथ भी दुष्कर्म कर रहे हैं।
बयान के दौरान किए कथन से पीड़ित व उसके भाई द्वारा जिरह के दौरान मुकर जाने के बावजूद अदालत ने पूर्व के बयान को दोष सिद्धि हेतु पर्याप्त मानते हुए आरोपित पिता को दुष्कर्म के आरोप में दोषसिद्ध पाते हुए दंडित किया। अभियोजन पक्ष की पैरवी शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार उपाध्याय व कमलेश राय ने किया।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
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