वाशिंगटन, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
अमेरिका की ओलंपिक और पैरालंपिक समिति (यूएसओपीसी) ने अपनी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए ट्रांसजेंडर महिलाओं को महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने से प्रतिबंधित कर दिया है। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में जारी किए गए कार्यकारी आदेश के अनुरूप लिया गया है।
यूएसओपीसी ने अपनी एथलीट सुरक्षा नीति में किए गए संशोधन में कहा, यूएसओपीसी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी), अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) और राष्ट्रीय खेल महासंघों जैसे संबंधित निकायों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं को निष्पक्ष और सुरक्षित प्रतिस्पर्धा का माहौल मिले, जो कार्यकारी आदेश और टेड स्टीवंस ओलंपिक एवं शौकिया खेल अधिनियम के अनुरूप हो।
इस बदलाव को लेकर यूएसओपीसी ने फिलहाल किसी भी मीडिया सवाल का जवाब नहीं दिया है।
एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यूएसओपीसी के अध्यक्ष जीन साइक्स और सीईओ सारा हिर्शलैंड ने टीम यूएसए समुदाय को एक मेमो भेजकर यह स्पष्ट किया कि एक संघीय चार्टर्ड संगठन होने के नाते, यूएसओपीसी की जिम्मेदारी है कि वह संघीय अपेक्षाओं का पालन करे।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने फरवरी 2025 में कीपिंग मेन आउट ऑफ वूमेन स्पोर्ट्स नामक एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस आदेश के तहत ट्रांसजेंडर लड़कियों और महिलाओं को महिला खेलों से बाहर रखने का निर्देश दिया गया है। समर्थकों का कहना है कि यह कदम खेलों में निष्पक्षता लाने के लिए जरूरी है, जबकि आलोचक इसे अल्पसंख्यक ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों के अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं।
इस आदेश में न केवल स्कूली और कॉलेज स्तर के खेलों को शामिल किया गया है, बल्कि इसमें अमेरिका में प्रतिस्पर्धा करने के लिए ट्रांसजेंडर महिलाओं को वीजा देने से इनकार करने का निर्देश भी शामिल है। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में ट्रांसजेंडर एथलीटों को भाग लेने की अनुमति नहीं देंगे।
आदेश के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्रालय को भी आईओसी पर दबाव डालने को कहा गया है ताकि वह अपनी मौजूदा नीति में बदलाव करे, जो वर्तमान में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को कुछ मानकों के तहत प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति देती है।
बताया जा रहा है कि इस आदेश का असर खिलाड़ियों के एक बहुत छोटे समूह पर ही पड़ेगा। नेशनल कॉलेजिएट एथलेटिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दिसंबर में सीनेट पैनल को बताया था कि 1,100 सदस्य स्कूलों के 5.3 लाख से अधिक खिलाड़ियों में से उन्हें केवल 10 से कम ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों की जानकारी है।
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(Udaipur Kiran) दुबे
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