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बंगाल फर्जी पासपोर्ट घोटाला : ईडी ने दिनभर की तलाशी के बाद सरगना को किया गिरफ्तार

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कोलकाता, 16 अप्रैल . पश्चिम बंगाल में चल रहे फर्जी पासपोर्ट रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार रात इस घोटाले के सरगना आलोक नाथ को गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ़्तारी नदिया ज़िले के गेदे अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास की गई है.

ईडी के मुताबिक, आलोक नाथ एक ऐसे रैकेट का संचालन कर रहा था जो अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट दिलाने में मदद करता था. ईडी ने मंगलवार को कोलकाता, उत्तर 24 परगना और नदिया ज़िलों के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. छापों के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज़, डिजिटल रिकॉर्ड, लैपटॉप और दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं.

सूत्रों के अनुसार, ईडी अधिकारियों ने आलोक नाथ से करीब 13 घंटे तक पूछताछ की, जिसके बाद उसे सॉल्टलेक स्थित केंद्रीय सरकारी कार्यालय परिसर (सीजीओ कॉम्प्लेक्स) लाकर औपचारिक रूप से गिरफ़्तार किया गया.

इस मामले में कोलकाता पुलिस पहले ही एक चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, जिसमें 130 लोगों के नाम शामिल हैं. इनमें से 120 लोग बांग्लादेशी नागरिक बताए गए हैं जबकि बाकी 10 भारतीय हैं. आरोप है कि बांग्लादेशी नागरिकों ने मोटी रकम देकर फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनवाए.

चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि जिन भारतीय नागरिकों के नाम आए हैं, उन्होंने फर्जी भारतीय पहचान पत्र और पासपोर्ट बनवाने में इन बांग्लादेशी घुसपैठियों की मदद की थी.

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सेवानिवृत्त एएसआई अब्दुल हई की भी हो चुकी है गिरफ़्तारी

इससे पहले कोलकाता पुलिस ने शहर के एक सेवानिवृत्त सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) अब्दुल हई को भी इस मामले में गिरफ्तार किया था. चार्जशीट में यह खुलासा हुआ है कि अब्दुल हई ने 52 मामलों में पुलिस सत्यापन के बदले मोटी रकम वसूली थी. वह मौके पर जाकर सत्यापन की जिम्मेदारी निभाने के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन थाने में ही बैठकर सत्यापन पूरा करता था और पैसे की वसूली कर लेता था.

प्रवर्तन निदेशालय इस पूरे रैकेट की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी कड़ियों की जांच कर रहा है और आने वाले दिनों में और गिरफ़्तारियां हो सकती हैं.

/ ओम पराशर

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