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शिव महापुराण कथा: तुलसी-शालिग्राम विवाह कर तरु प्रसाद के रूप में वितरित किए गए तुलसी के पौधे

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जयपुर, 2 जुलाई (Udaipur Kiran) । कांति चंद्र रोड बनीपार्क में श्री शिव महापुराण कथा समिति द्वारा आयोजित नौ दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के सातवें दिन तुलसी-शालिग्राम विवाह उत्सव भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर तुलसी जी को दुल्हन और शालिग्राम जी को दूल्हे के रूप में भव्य रूप से सजाया गया। मंदिर परिसर से बाजे-गाजे के साथ शालिग्राम जी की बारात निकाली गई, जिसमें श्रद्धालु झूमते-नाचते शामिल हुए।

वर पक्ष से सुरेश शास्त्री और वधू पक्ष की ओर से जयपुर नगर निगम हैरिटेज महापौर कुसुम यादव एवं पूर्व चेयरमैन अजय यादव ने विवाह की सभी रस्में निभाईं। पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ फेरे संपन्न कराए। इस पावन विवाह पर महिलाओं ने “आज दूल्हा बने हैं सरकार” जैसे मंगल गीतों पर नृत्य कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

व्यासपीठ से पूज्य संतोष सागर महाराज ने कहा कि तुलसी भारतीय संस्कृति और आंगन की पवित्रता की प्रतीक है। तुलसी का धार्मिक ही नहीं, वैज्ञानिक महत्व भी अपार है। बिना तुलसी के भगवान प्रसाद स्वीकार नहीं करते। तुलसी में वह शक्ति है कि पत्थर जैसे शालिग्राम भी प्राणवान प्रतीत होते हैं।

महाराज ने आगे कहा कि नारायण की पूजा तुलसी के बिना अधूरी है, और जिस घर में तुलसी, शंख और शालिग्राम हों, वहां किसी वस्तु की कमी नहीं रहती। कथा में उपमन्यु की तपस्या व शिव कृपा, दुर्वासा ऋषि, हनुमान चरित्र, तुलसी उत्पत्ति जैसे प्रसंग भी सुनाए गए।

इस अवसर पर तुलसी को तरु प्रसाद मानते हुए सभी श्रोताओं को तुलसी के पौधे भेंट किए गए।

शिव महापुराण कथा समिति के महामंत्री अरुण खटोड़ ने बताया कि 3 जुलाई को दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक द्वादश ज्योतिर्लिंग प्राकट्य लीला का आयोजन होगा। 4 जुलाई को शिव भक्त चरित्र, महामृत्युंजय मंत्र, पंचाक्षर मंत्र की महिमा व शिव साधना प्रसंग के साथ कथा का विश्राम किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran)

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