लखनऊ, 06 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के राजधानी में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती कई जगहों पर मनायी गयी। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी सहित तमाम स्थानों पर जयंती कार्यक्रमों में विद्वतजनों ने अपनी बातों को रखा।
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में उपाध्यक्ष डॉ. विभा सिंह ने उपस्थित कर्मियों को संबाेधित करते हुए कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने जीवन में हिन्दू संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए पहले शैक्षणिक क्षेत्र में आए और सबसे कम उम्र के कुलपति बने। बाद में राजनीति में आकर जनसंघ के संस्थापक बने। डॉ.श्यामा प्रसाद का जीवन देश के लिए समर्पित रहा। हमें उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के उत्थान में योगदान देना चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग की ओर से अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती कार्यक्रम हुआ। जिसमें तरुणेश बौद्ध ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की अखंडता के लिए जीवन भर संघर्ष किया। डॉक्टर साहब ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की मांग की। एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे, इसके लिए हम उन्हें सदैव स्मरण करते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र मलिहाबाद में गोपेश्वर गौशाला में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती के अवसर पर ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में पौधों को लगाकर जयंती मनायी। इस अवसर पर गौशाला के उमाकांत ने जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
—————
(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र
You may also like
ब्रिक्स में पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश: पुरानी सोच से नहीं सुलझेंगी नई चुनौतियां, वैश्विक संस्थाओं में सुधार अति-आवश्यक
बिहार: कटिहार में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद, मंदिर पर पथराव के बाद बिगड़े हालात, मुहर्रम जुलूस के दौरान हुआ था बवाल
प्रधानमंत्री मोदी का ब्रिक्स में सख्त संदेश- आतंकवाद पर नीति नहीं, नैतिकता चाहिए
डायरेक्टर अपूर्व लाखिया का खौफनाक स्काइडाइविंग अनुभव: जान बचाने के लिए किया ये काम!
राजकुमार राव की फिल्म 'मालिक' में एमसी स्क्वायर का नया गाना 'राज करेगा मालिक' क्यों है खास?