– जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक आयोजित
ग्वालियर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । पीड़ित व्यक्तियों को राहत उपलब्ध कराने में देरी न हो। बजट की कमी न रहे, इसके लिये प्रकरणों की संख्या का उल्लेख करते हुए विभाग को लगातार पत्र लिखकर मांग करते रहें। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने शनिवार को जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक में सहायक आयुक्त जनजाति कल्याण को दिए। बैठक में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पुलिस थानों में दर्ज प्रकरणों में चालान की कार्रवाई व पीड़ित व्यक्तियों को शासन के प्रावधानों के अनुसार राहत वितरण की समीक्षा की गई।
कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, विधायक सुरेश राजे, सहायक आयुक्त जनजाति कल्याण राजेन्द्र शर्मा व उप पुलिस अधीक्षक अजाक विजय सिंह तोमर सहित समिति के अन्य सदस्यगण व संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सिंह ने जानकारी दी कि जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों में लगातार गिरावट आ रही है। जिले में वर्ष 2023 की तुलना में पिछले एक साल में इन प्रकरणों में लगभग 25 प्रतिशत की कमी आई है। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि जिले के थानों में दर्ज हुए विभिन्न प्रकरणों के आधार पर पिछले एक साल के दौरान पीड़ित व्यक्तियों को लगभग 6 करोड़ रुपये की आर्थिक राहत उपलब्ध कराई गई है।
कलेक्टर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बैठक में जोर देकर कहा कि अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में राहत वितरण व चालान पेश करने की कार्रवाई तत्परता से की जाए। कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज जिन प्रकरणों में जाति प्रमाण-पत्र की जरूरत है, वे सभी जाति प्रमरण पत्र तत्परता से बनवाए जायेंगे। उन्होंने डीएसपी अजाक से ऐसे सभी प्रकरणों की सूची संबंधित एसडीएम को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, जिनमें जाति प्रमाण-पत्र की जरूरत है। श्रीमती चौहान ने कहा कि जाति प्रमाण-पत्र बनाने की कार्रवाई की नियमित समीक्षा की जायेगी।
जनजाति कल्याण कार्यालय में लगवाएं सीसीटीव्ही कैमरे
कलेक्टर ने विशेष जोर देकर कहा कि सहायक आयुक्त जनजाति कल्याण विभाग कार्यालय के सम्पूर्ण परिसर में सीसीटीव्ही कैमरे लगवाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी अवांछित व्यक्ति कार्यालय परिसर में दिखाई नहीं देना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति हितग्राहियों को जल्द पैसा दिलाने के नाम पर बरगलाने की कोशिश करे तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
(Udaipur Kiran) तोमर
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