नैनीताल, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में बिना पंजीकरण संचालित अवैध मदरसों को जिला प्रशासन द्वारा सील किए जाने के मामले में सुनवाई की। न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने मदरसा संचालकों को निर्देश दिया कि वे प्रशासन को शपथपत्र देंगे, जिसमें यह सुनिश्चित करेंगे कि सील खुलने के बाद भवन में न तो मदरसा संचालित होगा, न धार्मिक गतिविधियां होंगी और न ही नमाज पढ़ी जाएगी। भवन का भविष्य में उपयोग क्या होगा, इसका निर्णय राज्य सरकार लेगी।मामले के अनुसार, मदरसा अब्बू बकर सिद्दकी, मदरसा जीनत उल कुरान, मदरसा दारुल उल इस्लामिया व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि जिला प्रशासन की ओर से बिना नियमों का पालन किए 14 अप्रैल 2025 को कई मदरसों को सील कर दिया गया था, जबकि मदरसों में शिक्षण संस्थान चल रहे थे। इस संबंध में सरकार की ओर से कहा गया कि मदरसों का संचालन अवैध तरीके से किया जा रहा था, जबकि इन मदरसों का पंजीकरण नहीं हुआ है। इनमें शिक्षण, धार्मिक अनुष्ठान व नमाज भी हो रही है। सरकार ने कहा कि जो मदरसे पंजीकृत थे उनको सील नहीं किया गया। उनको सरकार की तरफ से मिलने वाला अनुदान भी मिल रहा है।
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(Udaipur Kiran) / लता