अनूपपुर, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिला मुख्यालय अनूपपुर से लगभग दो दर्जन गांवों को जोडने वाला सामतपुर-हरी-बर्री का पुल जो 7.40 करोड़ रुपए की लागत से दो वर्षो से निर्माणाधीन हैं जो लगता हैं कि अभी कई वर्ष लगेगें इसे बनने में, सेत/पुल निगम द्वारा बनाए जा रहे पुल के अभी तक पिलर ही खड़े हो सके हैं, कुछ पिलर के काम शेष हैं। लेकिन अब बारिश के मौसम आरंभ होने से आगामी तीन से चार माह कार्य करना असंभव हो जाएगा।
बारिश के कारण तिपान नदी में जलभराव तेजी से बढ़ रहा है। जो आधा किलोमीटर दूर सोननदी में जा मिलती हैं। वहीं पानी के भराव से नदी में बनी अस्थायी पगडंडी के डूब जाने से गांवों से आवाजाही जो एक मात्र सहारा है बंद हो गया हैं। इससे सामतपुर-हरी-बरीं गांव होते कोलमी, अमगंवा, छुलकारी, फुनगा की ओर रोजाना आवाजाही करने वाले सैकड़ो लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। इन गांवों की ओर आवाजाही करने के लिए ग्रामीणों को जिला मुख्यालय मुख्यालय से से 5 किलोमीटर दूर अतिरिक्त सिंदुरी फाटक होकर गांव जाना पड़ रहा हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पुल निगम द्वारा शुरू से ही कार्य को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गईं, अगर यही स्थिति रही तो पुल के काम पूरे होने में अभी एक-दो साल पानी भरते ही ग्रामीणों की आवाजाही नदी के रास्ते हो जाएगी बंद और लग जाएग। उल्लेखनीय है कि यह पुल 9 अक्टूबर 2019 को हर्री-बर्री गांव की ओर से नदी की तल में धसकते हुए लगभग 4-5 फीट की गहराई में वीसेप लेकर बैठक गई थी। जिस पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई थी। ग्रामीण पैदल आवाजाही कर रहे थे, लेकिन वर्ष 2020 के दौरान सामतपुर की ओर दूसरा छोर भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
प्रस्ताव 6.80 करोड़ स्वीकृति 7.40 करोड़ की
जिला मुख्यालय अनूपपुर से सामतपुर-हरीं बर्री गांव के रास्ते फुनगा तक सम्पर्क मार्ग बनाने वाली सामतपुर-हर्री क्षतिग्रस्त पुल के निर्माण के लिए शासन द्वारा 7 करोड़ 40 लाख 34 हजार की स्वीकृति प्रदान की गई। लोक निर्माण विभाग भोपाल ने 4 अक्टूबर 2021 को आदेश जारी किया था। सामतपुर-हरी बरी पुल के क्षतिग्रस्त और ग्रामीणों की मांग पर प्रदेश पूर्व खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने सितम्बर 2020 में उत्कृष्ट विद्यालय अनूपपुर में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पुल निर्माण की मांग की थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने पुल के प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए थे। पूर्व में पुल निगम द्वारा प्रारम्भिक प्राक्कलन में इसके लिए निर्माण के लिए 6 करोड़ 80 लाख रूपए का प्रस्ताव तैयार किया था।
28 गांवों को जोड़ता पुल
इस पुल के बनने से सामतपुर से हरीं, बरी, भगताबांध, पसला, बिजौड़ी, चातरहिया, रक्शा, कोलमी, अमगंवा, छुलकारी, फुनगा सहित लगभग 28 गांव जुड़ते हैं। यह क्षेत्र कृषि खासकर सब्जी उत्पादना वाला क्षेत्र माना जाता है। लेकिन पुल के क्षतिग्रस्त से हजारों ग्रामीणों को 4-5 किलोमीटर की धुमावदार रास्ते से जिला मुख्यालय आना जाना पड़ता है।
कब होगा पुल का निर्माण पूरा
ग्राम हर्री निवासी सियालाल राठौर ने बताया कि दो सालों से पुल का निर्माण कार्य हो रहा है, लेकिन अभी तक नहीं बन पाया है। बरसात के पहले हम पुल के बगल से पगडंडी रास्ता से आना-जाना करते थे लेकिन बरसात में पानी आ जाने के कारण दिक्कत होती है। घूम कर 5 किलोमीटर दूरी तय कर अनूपपुर आने में असमर्थ हैं।
बच्चों को स्कूल भेजने में होती है दिक्कत
सामतपुर के विजय राठौर का कहना हैं कि गांव के बच्चों को स्कूल आने जाने के लिए इस मार्ग का उपयोग करते थे, लेकिन पुल टूट जाने के करण बच्चे घूमकर 5 किलोमीटर दूरी का रास्ते तय करते हैं। जिससे बच्चे थक जाते हैं और उन्हें आने-जाने में दिक्कत होती है। कई बार शिकायत करने के बावजूद भी पुल निर्माण का कार्य धीमी गति से चल रहा है।
जिला पंचायत अनूपपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी -तन्मय वशिष्ठ शर्मा का कहना हैं कि पुल निर्माण विभाग को काम में तेजी लाने के लिए निर्देशित दिये गये है।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
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