रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आजतक के साथ एक खास बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और उनकी कार्यशैली के बारे में कई अनसुने पहलू साझा किए। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी किसी भी मुश्किल घड़ी में न तो घबराते हैं और न ही परेशान होते हैं। यही उनकी सबसे बड़ी खूबी है। नोटबंदी, धारा 370 हटाने और उरी-बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बड़े फैसलों का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने पीएम की साहसी और स्पष्ट सोच की तारीफ की।
उन्होंने यह भी दावा किया कि अगले 15-20 साल तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई जगह खाली नहीं है। साथ ही, विपक्ष के चुनावी धांधली के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके पास कोई सबूत नहीं है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत और भारत की बढ़ती वैश्विक साख पर भी राजनाथ ने खुलकर बात की। आइए, इस खास इंटरव्यू के हर सवाल-जवाब को विस्तार से जानते हैं।
पीएम मोदी का 75वां जन्मदिन: सेवा पखवाड़ा और खास लगावजब राजनाथ सिंह से पूछा गया कि पीएम मोदी 75 साल के हो गए हैं और बीजेपी सेवा पखवाड़ा मना रही है, तो उन्होंने कहा, “मेरा और नरेंद्र मोदी का रिश्ता करीब 35 साल पुराना है। मैंने उनके व्यक्तित्व और भाषण देने की शानदार कला को बहुत करीब से देखा है। उनकी बातों में गजब का प्रभाव होता है।”
पहली मुलाकात: झांसी में छाए थे मोदीसवाल उठा कि राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी को पहली बार कब देखा था? जवाब में उन्होंने बताया, “डॉ. मुरली मनोहर जोशी की एक यात्रा के दौरान झांसी में मैंने उन्हें पहली बार देखा। उनकी वक्तृत्व कला और विचारों को पेश करने का अंदाज इतना शानदार था कि मैं प्रभावित हो गया।”
पीएम बनने के बाद बदले कैसे मोदी?रक्षा मंत्री ने बताया कि पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व में और निखार आया है। “उनमें गजब की कल्पनाशीलता, धैर्य और किसी भी चुनौती का सामना करने की ताकत है। मैंने उन्हें कभी घबराते या उलझते नहीं देखा।”
बड़े फैसलों में पीएम का रोलजब बात बड़े और चुनौतीपूर्ण फैसलों की आई, तो राजनाथ सिंह ने कई उदाहरण दिए। “नोटबंदी, धारा 370 हटाना, उरी और बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक, और हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर—इन सभी में पीएम ने अपनी टीम को पूरी आजादी दी। वे विचार-विमर्श करते हैं, लेकिन फैसला हमेशा सटीक और साहसी होता है।”
ऑपरेशन सिंदूर: पीएम की साहसी सोचऑपरेशन सिंदूर के अनुभव पर राजनाथ ने बताया, “उस वक्त भी पीएम ने हमें पूरी छूट दी थी। उन्होंने सभी सर्विस चीफ्स और एनएसए के साथ स्पष्ट बातचीत की और सटीक निर्देश दिए। उनकी सोच में कभी कोई उलझन नहीं दिखती।”
वैश्विक मंच पर मोदी का जलवाक्या पीएम मोदी का वैश्विक प्रभाव उतना ही है? इस सवाल पर राजनाथ सिंह ने गर्व से कहा, “बिल्कुल! उनके जन्मदिन पर दुनिया भर के नेता बधाई देते हैं। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की साख बढ़ी है। विश्व नेता उनकी बातों से प्रभावित होते हैं।”
2014 में पीएम उम्मीदवार क्यों बने मोदी?पार्टी अध्यक्ष के तौर पर राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार क्यों चुना? इस पर उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि नरेंद्र मोदी चुनावी जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकते हैं। 2013 में कुछ नेताओं ने विरोध किया, लेकिन मेरा फैसला सही था। बाद में संसदीय बोर्ड ने भी उन्हें चुना।”
2014 का चुनाव: मोदी का आत्मविश्वास2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान राजनाथ और मोदी की क्या बातचीत होती थी? राजनाथ ने बताया, “हम कई राज्यों में साथ कैंपेन कर रहे थे। मैं कहता था कि बहुमत मिलेगा, लेकिन मोदी हमेशा कहते थे कि शायद कम सीटें आएं। आखिर में जनता के भरोसे हमें स्पष्ट बहुमत मिला।”
अगले 15-20 साल तक कोई रिक्ति नहीं!क्या बीजेपी में अगले 15-20 साल में पीएम पद के लिए कोई और विकल्प होगा? इस पर राजनाथ ने स्पष्ट कहा, “नहीं, यह बिल्कुल सच है। इस पर पूरी पार्टी एकमत है।”
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