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8 अप्रैल तक राहत की कोई उम्मीद नहीं, जानिए इस बार जल्दी क्यों तप रहा है उत्तराखंड

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Uttarakhand Weather : उत्तराखंड, जो अपनी ठंडी हवाओं और हरे-भरे पहाड़ों के लिए जाना जाता है, इन दिनों अप्रत्याशित गर्मी की चपेट में है। आमतौर पर मध्य अप्रैल के बाद महसूस होने वाली तपिश इस बार अप्रैल के पहले हफ्ते में ही लोगों को परेशान करने लगी है। शनिवार को देहरादून में दिन का तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक होकर 35 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।

पहाड़ी इलाकों में भी पारा चढ़ने से लोग हैरान हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मार्च में बारिश की कमी ने इस असामान्य गर्मी को जन्म दिया है। लेकिन क्या यह सिर्फ मौसम की शरारत है, या जलवायु परिवर्तन का गहराता संकट? आइए, इस बदलते मौसम के पीछे की कहानी को समझें।

गर्मी का बढ़ता तेवर और मौसम का मिजाज

देहरादून, जिसे दून घाटी के नाम से भी जाना जाता है, शनिवार को तपती धूप की चपेट में रहा। अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, जो सामान्य से कहीं ज्यादा है। हालांकि, न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री के साथ सामान्य रहा, लेकिन दिन की गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया।

मैदानी इलाकों में गर्म हवाओं ने परेशानी को और बढ़ा दिया। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रविवार को भी प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा, यानी अभी गर्मी से राहत की उम्मीद कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि मार्च में कम बारिश और बढ़ते तापमान ने अप्रैल में गर्मी को पहले ही न्योता दे दिया।

पहाड़ों पर भी गर्मी की मार

यह गर्मी सिर्फ मैदानों तक सीमित नहीं है। पहाड़ी क्षेत्रों में भी तापमान सामान्य से ऊपर जा रहा है। मुक्तेश्वर में अधिकतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा है। वहीं, पंतनगर में 35.2 डिग्री और टिहरी में 25.4 डिग्री तापमान ने लोगों को चौंका दिया। आमतौर पर ठंडक के लिए मशहूर इन इलाकों में गर्मी का यह रुख जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा करता है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में हालात और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

क्या है राहत की उम्मीद?

गर्मी से परेशान लोगों के लिए एक छोटी सी राहत की खबर है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अप्रैल के दूसरे हफ्ते में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। इससे तापमान में थोड़ी गिरावट और मौसम में बदलाव की संभावना है। हालांकि, 8 अप्रैल तक मौसम शुष्क रहने का पूर्वानुमान है, जिसका मतलब है कि अभी कुछ दिन गर्मी से जूझना पड़ सकता है। मैदानी इलाकों में गर्म हवाएं और पहाड़ों पर बढ़ता पारा लोगों के लिए दोहरी मुसीबत बना हुआ है।

जलवायु परिवर्तन की चेतावनी

यह गर्मी महज एक मौसमी बदलाव नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन का एक बड़ा संकेत हो सकती है। कम बारिश, बढ़ता तापमान और मौसम के पैटर्न में अनियमितता आने वाले दिनों में और बड़ी चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें पर्यावरण के प्रति जागरूक होने और जलवायु संरक्षण के लिए कदम उठाने की जरूरत है। उत्तराखंड जैसे खूबसूरत राज्य में गर्मी का यह कहर न सिर्फ मौसम की बात है, बल्कि हमारी जीवनशैली और प्रकृति के साथ रिश्ते पर भी सवाल उठाता है।

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