पिछले 9 महीनों से केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स के मन में एक ही सवाल घूम रहा है कि आखिर 8वें वेतन आयोग की कमेटी का गठन कब होगा? इस सवाल का जवाब अब जल्द ही मिल सकता है। केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में नए वेतन आयोग का ऐलान किया था और माना जा रहा था कि जनवरी 2026 तक इसे लागू कर दिया जाएगा। लेकिन अब लग रहा है कि इसमें और समय लग सकता है। खबर है कि केंद्र सरकार इस बार दिवाली के मौके पर कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी खुशखबरी दे सकती है।
दिवाली पर होगा बड़ा धमाका – 8वां वेतन आयोगकेंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग को लेकर इस बार दिवाली के आसपास कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। पिछले 9 महीनों से केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि आखिर कमेटी का गठन कब होगा। ताजा खबरों की मानें तो केंद्र सरकार दिवाली के समय कमेटी गठन का ऐलान कर सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2025 खत्म होने वाला है, और कमेटी बनने के बाद भी इसे लागू होने में करीब डेढ़ से दो साल का समय लग सकता है। कमेटी को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में 1 से 1.5 साल लगेंगे, जिसके बाद केंद्र सरकार उसका अध्ययन करेगी। इसके बाद ही 8वां वेतन आयोग आधिकारिक रूप से लागू हो पाएगा।
वेतन बढ़ोतरी में देरी की असली वजह7वें वेतन आयोग को लागू होने में भी 2 से 3 साल का समय लगा था। अब 8वें वेतन आयोग को लेकर भी ऐसा ही अनुमान है कि यह 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत में लागू हो सकता है। इसका कारण यह है कि अभी तक कमेटी का गठन नहीं हुआ है। यानी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को अपनी सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है।
You may also like
तालिबान के विदेश मंत्री मुत्ताकी भारत आते ही देवबंद क्यों जाएंगे... क्या है इसके पीछे का एजेंडा
MP: कफ सिरप से 20 बच्चों की मौत… कोल्ड्रिफ दवा बनाने वाली कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन पर एक्शन, SIT ने किया अरेस्ट
Gaza Peace Plan Between Israel And Hamas: गाजा में शांति के लिए राजी हुए इजरायल और हमास, ट्रंप ने एलान कर बताया ठोस कदम तो नेतनयाहू ने कूटनीतिक जीत कहा
गाँव के छोर पर बंसी काका रहते थे।` उम्र ढल चुकी थी, मगर हिम्मत अब भी बैल जैसी थी। बेटे शहर का रुख कर चुके थे, खेत-खलिहान भी धीरे-धीरे बिक-बिक कर कम हो चले थे। अब उनके पास बस एक कच्चा मकान था, थोड़ा-सा आँगन और उनकी सबसे बड़ी साथी—बकरी लाली
बस्तर दशहरा लोकोत्सव: लालबाग में गूंजी पवनदीप और चेतना की सुरमयी जुगलबंदी, जनजातीय संस्कृति का जादू छाया