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भूकंप के झटकों ने हिलाया हिंदुस्तान, दिल्ली-एनसीआर से लेकर अफगानिस्तान तक दहशत

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बुधवार की सुबह जब लोग अपने दिन की शुरुआत कर रहे थे, तभी अचानक धरती कांप उठी। अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में आए भूकंप ने न सिर्फ वहां की जमीन को हिलाया, बल्कि इसके झटके भारत के कई हिस्सों, खासकर दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किए गए। यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि लोगों में दहशत फैल गई। आइए, इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि क्या कोई नुकसान हुआ या सब कुछ सुरक्षित रहा।

भूकंप का केंद्र और उसकी तीव्रता

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.9 मापी गई। इसका केंद्र हिंदू कुश क्षेत्र में धरती की सतह से लगभग 75 किलोमीटर की गहराई पर था। हिंदू कुश, जो भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है, एक बार फिर प्रकृति की ताकत का गवाह बना। इस तीव्रता का भूकंप आमतौर पर गंभीर क्षति पहुंचाने की क्षमता रखता है, खासकर अगर इसका केंद्र आबादी वाले क्षेत्रों के करीब हो। हालांकि, गहरे केंद्र के कारण इस बार इसका प्रभाव सतह पर कम रहा, जिससे बड़े नुकसान की खबरें अभी तक सामने नहीं आई हैं।

दिल्ली-एनसीआर में क्या हुआ?

दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में सुबह-सुबह लोग अचानक झटकों से सहम गए। कई लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने अनुभव साझा किए, जहां कुछ ने इसे “हल्का झटका” बताया, तो कुछ ने कहा कि “बिस्तर और कुर्सियां हिलने लगीं।” राहत की बात यह रही कि दिल्ली-एनसीआर में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली। फिर भी, यह घटना एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।


हिंदू कुश: भूकंप का गढ़

हिंदू कुश क्षेत्र भूकंपीय दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील है। यह क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव का केंद्र है, जिसके कारण यहां बार-बार भूकंप आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में होने वाले भूकंप के झटके भारत, पाकिस्तान और मध्य एशिया तक महसूस किए जा सकते हैं। इस बार भी यही हुआ, जब अफगानिस्तान से शुरू हुए झटके सैकड़ों किलोमीटर दूर भारत की राजधानी तक पहुंचे।

क्या सावधानी बरतने की जरूरत है?

भूकंप जैसी आपदाएं बिना चेतावनी के आती हैं, इसलिए पहले से तैयारी ही सबसे बड़ा हथियार है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि भूकंप के दौरान घबराने की बजाय सुरक्षित स्थान पर शरण लेनी चाहिए। मजबूत मेज के नीचे छिपना, दीवारों से दूर रहना और लिफ्ट का इस्तेमाल न करना कुछ जरूरी सावधानियां हैं। इसके अलावा, अपने घरों में भारी सामान को नीचे रखने और आपातकालीन किट तैयार रखने से भी नुकसान को कम किया जा सकता है।

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