पूर्व सांसद ने कहा, मैं रविवार को अपनी पत्नी और कुछ समर्थकों के साथ भगवान राम के दर्शन करने मंदिर गया था। मैंने न्यासी से कहा कि मैं दशकों से इस मंदिर में आता रहा हूं। लेकिन उन्होंने मुझे एक नियम का हवाला देते हुए रोक दिया। तडस ने कहा कि पुजारी के इस निर्णय के कारण उनके समर्थकों और मंदिर के न्यासी के बीच तीखी बहस हुई।
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भाजपा नेता ने दावा किया कि वह इस मंदिर में पिछले 40 वर्षों से अनुष्ठान करते रहे हैं लेकिन इस तरह के प्रतिबंध का कभी सामना नहीं किया। इस बीच, मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि मूर्ति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तडस को गर्भगृह में प्रवेश करने से मना किया गया।
उन्होंने कहा, पुजारी ने मंदिर के आभूषणों और मूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी को भी गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour