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TMC MPs Clash : रोती नजर आईं महुआ मोइत्रा, गुस्से में ममता बनर्जी, TMC सांसदों की लड़ाई की पूरी कहानी

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तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने मंगलवार को कहा कि पिछले सप्ताह चुनाव आयोग से मुलाकात करने से पहले लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा को अपने सहकर्मी कल्याण बनर्जी के साथ बहस के बाद रोते हुए देखा गया। उन्होंने मांग की कि व्यवहार संबंधी मुद्दों को लेकर बनर्जी को सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से हटा दिया जाना चाहिए।

मीडिया खबरों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने ममता बनर्जी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। इसके बाद एक महिला राज्यसभा सांसद के माध्यम से महुआ मोइत्रा को सीएम ममता बनर्जी का संदेश पहुंचाया गया है। सीएम ममता के संदेश में सांसद महुआ मोइत्रा को कड़ी कार्रवाई और निलंबन की चेतावनी दी गई है।

उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ ऐसे कथित वीडियो और व्हाट्सएप चैट सामने आए हैं, जिनमें कीर्ति आजाद समेत तृणमूल सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक नजर आ रही है। आजाद इनमें बनर्जी को संयम बरतने की सलाह देते हुए दिख रहे हैं।

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रॉय ने कोलकाता में पत्रकारों के साथ बातचीत में कई मौकों पर बनर्जी पर ‘असभ्य’ जैसा बर्ताव करने का आरोप लगाया और कहा कि वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक के दौरान श्रीरामपुर के सांसद (बनर्जी) ने एक बोतल तोड़ दी थी और उसे समिति के अध्यक्ष पर फेंक दिया था।

भाजपा नेता अमित मालवीय ने कुछ वीडियो शेयर किए हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि कथित तौर पर बनर्जी निर्वाचन आयोग के कार्यालय में प्रवेश करते समय अपने सहयोगियों पर चिल्ला रहे हैं, जबकि पार्टी नेता उन्हें शांत करने का प्रयास कर रहे हैं। रॉय ने कहा कि विवाद तो हुआ था, लेकिन वह वहां मौजूद नहीं थे।

क्या था पूरा विवाद

तृणमूल के एक सूत्र के अनुसार, यह विवाद चार अप्रैल को तब हुआ जब तृणमूल नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने ‘डुप्लिकेट वोटर आईडी नंबरों’ को लेकर निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और उसके बाद संसद तक मार्च भी निकाला।

सूत्र ने कहा कि बनर्जी को एक ज्ञापन पर तृणमूल सांसदों के हस्ताक्षर लेने का काम दिया गया था और यह ज्ञापन पार्टी को निर्वाचन आयोग को सौंपना था। सूत्र ने कहा कि मोइत्रा ने आरोप लगाया था कि उनसे हस्ताक्षर नहीं लिया गया । मोइत्रा ने निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर बनर्जी की आलोचना की थी।

दोनों सांसदों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। बनर्जी ने दावा किया कि मोइत्रा ने निर्वाचन आयोग कार्यालय में सुरक्षाकर्मियों से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा था।

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए रॉय ने कहा कि जब कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच यह विवाद हुआ तब मैं वहां नहीं था। मैं विजय चौक पर था और यह विवाद चुनाव आयोग कार्यालय के सामने हुआ। मैंने महुआ को रोते हुए और कल्याण के व्यवहार के बारे में अन्य पार्टियों के कई सांसदों से शिकायत करते हुए देखा। उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी के ‘‘आंतरिक मामले’’ लीक हो रहे हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि मोइत्रा ने उन्हें सीधे तौर पर कुछ नहीं बताया।

रॉय ने कहा कि उन्होंने एक अन्य सांसद से कहा कि उन्होंने (बनर्जी ने) असभ्य तरीके से व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि संसद के निम्न सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक (बनर्जी) अपने असंयमित एवं असभ्य बर्ताव के लिए जाने जाते हैं।

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उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कल्याण बनर्जी ने जो कुछ भी कहा है, उसका जवाब देना मेरी गरिमा के खिलाफ है। उनका असभ्य व्यवहार कई बार हमारे ध्यान में आया है। उन्होंने (केंद्रीय मंत्री) ज्योतिरादित्य सिंधिया को 'लेडी किलर' कहा और बाद में उनसे माफ़ी भी मांगी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वक्फ पर जेपीसी की बैठक के दौरान, उन्होंने एक बोतल तोड़ दी और समिति के अध्यक्ष पर फेंक दी। कल्याण अपने असंयमित और असभ्य व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। अब तक, मैंने इसके बारे में नहीं बोला क्योंकि यह मेरी गरिमा के खिलाफ है। मैंने आपसे सुना है कि उन्होंने मेरे खिलाफ कुछ कहा है और इसलिए मैंने जवाब दिया है।’’

उन्होंने कहा कि कल्याण बनर्जी को लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेकिन मैं इसे (तृणमूल सुप्रीमो) ममता बनर्जी के निर्णय पर छोड़ता हूं। मालवीय द्वारा एक्स पर साझा किए गए व्हाट्सएप संदेशों के ‘स्क्रीनशॉट’ से पता चलता है कि बनर्जी का दुर्गापुर से पार्टी सांसद कीर्ति आज़ाद के साथ भी झगड़ा हुआ था। यह संदेश कथित तौर पर तृणमूल सांसदों के एक ग्रुप चैट से है। भाषा Edited by: Sudhir Sharma


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